इस राशि का उपयोग उनके निधन के बाद दूर देशों में रहने वाले उनके परिजनों के आने तक शव को सुरक्षित रखने में किया जाएगा या फिर पूरे विधि विधान से अंत्येष्टि की जाएगी।
विदेशों में जाकर रहने वाले बच्चे और परिवार के सदस्य सोशल मीडिया और वीडियो कॉलिंग से भावनाओं का आदान-प्रदान तो कर लेते हैं, पर यहां किसी अपने का निधन हो जाए, तो तुरत-फुरत पहुंचना दुश्वार होता है। ऐसे में बुजुर्गों ने इसका अनूठा रास्ता यह निकाला कि मुक्तिधाम समिति के पास राशि जमा कर दी जाए और जब भी उनका देहावसान हो तो इस राशि का उपयोग उनके शवों को सुरक्षित रखने या फिर विधि विधान से अंत्येष्टि की जा सके। समिति की ओर से इस नई व्यवस्था से चावल व्यवसायी अशोक विश्वास की अंत्येष्टि की जा चुकी है।
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आखिरी विदाई की दी जिम्मेदारी
यहां 40 बुजुर्ग दंपतियों ने अपने अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी मुक्तिधाम सेवा समिति को दे दी है। सभी ने १२-१२ हजार रुपए जमा कर नरसिंह लोक कल्याण एवं मुक्तिधाम समिति में रजिस्ट्रेशन कराया है। समिति के पास जिन्होंने अपने रजिस्ट्रेशन कराए हैं, उनमें से 20 दंपति ऐसे हैं, जिनके बच्चे या तो विदेश में हैं या फिर दूसरे प्रांतों में रह रहे हैं। मुक्तिधाम सेवा समिति के पास जो राशि दंपतियों ने जमा कराई है,उसकी समिति ने एफडीआर करा दी है, जिसके ब्याज से मुक्तिधाम का विकास कार्य कराया जा रहा है।
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करते हैं पूरी तैयारी
कई परिवार ऐसे हैं, जिनकी एक ही संतान है और विदेश में है। कई बार ऐसी समस्या आती है कि बच्चे उनके अंतिम संस्कार में नहीं आ पाते या बहुत देर से आ पाते हैं। ऐसी स्थिति में नरसिंह लोक कल्याण एवं मुक्तिधाम समिति पार्थिव देह को सुरक्षित रखती है और अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी भी करती है। परिजनों के न आ पाने पर अंतिम संस्कार भी करती है।
– किशन गुप्ता, अध्यक्ष, नरसिंह लोक कल्याण एवं मुक्तिधाम समिति