इस क्षेत्र में बड़े निजी अस्पताल भी नहीं हैं। ऐसे में मरीज को गंभीर समस्या होने पर जिला अस्पताल से लेकर रसल चौक, गोल बाजार स्थित अस्पतालों तक पहुंचने में 20 से 25 मिनट लग जाते हैं। तब तक मरीज की हालत गंभीर हो जाती है।
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बड़ी आबादी की निर्भरता
रांझी के सिविल अस्पताल पर क्षेत्र की बड़ी आबादी निर्भर है। यहां रांझी के 6 वार्ड, मटामर, सोनपुर, मानेगांव, मोहनिया, खमरिया, पिपरिया, उमरिया, समेत कई और इलाकों से मरीज आते हैं। इसके अनुपात में चिकित्सकों, पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ की कमी है।
कीमती समय बचेगा
हार्ट अटैक सहित ब्रेन हेमरेज, ब्रेन स्ट्रोक जैसे गम्भीर मामलों में मरीज को तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है। रांझी के वर्तमान अस्पताल में आवश्यक सुविधाएं नहीं होने के कारण मरीजों को जिला अस्पताल, मेडिकल अस्पताल या शहर के किसी अन्य अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। इससे उनका बेशकीमती समय रास्ते में बीत जाता है। रांझी सिविल अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध होने पर मरीजों का कीमती समय बचेगा। रांझी में सिविल अस्पताल के नए भवन का निर्माण जारी है। काम पूरा होने पर यहां चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। जांच के लिए आवश्यक मशीनें, चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाएगी।- डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ