जबलपुर. फीस की अवैध वसूली और किताबों की फिक्सिंग के मामले में गिरफ्तार 21 स्कूल संचालकों व किताब विक्रेताओं में से 19 को पुलिस ने रिमांड पर लिया है। वहीं, दो आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। आरोपियों से बड़े पैमाने पर रेकॉर्ड की जब्ती की गई है।
निजी स्कूलों पर शिकंजा, बड़े पैमाने पर दस्तावेज जब्त प्रदेश की अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई में 11 स्कूल संचालकों, स्टाफ व बुकसेलर व मुद्रक-प्रकाशक सहित 51 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वास छल सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस ने 21 आरोपियों को सोमवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। जिन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश कर 19 आरोपियों को रिमांड पर लिया गया है। पुलिस की ओर से पेश किए गए आवेदन में दस्तावेज व अन्य रिकवरी के लिए रिमांड दिए जाने का अनुरोध किया गया था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
एएसपी समर वर्मा के मुताबिक गोराबाजार थाने में गिरफ्तार किए गए सूर्यप्रकाश वर्मा, शशांक श्रीवास्तव का एक दिन का रिमांड खत्म होते ही उन्हें अदालत ने जेल भेज दिया है। अन्य थानों के 19 आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद उन्हें 31 मई तक का पुलिस रिमांड दिया है। इनमें स्कूल के संचालक, सदस्य, प्राचार्य सहित पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक भी गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस रिमांड पर आरोपियों के स्कूल, दफ्तर से फीस से जुड़े दस्तावेजों को जब्त किया है। प्रथम दृष्टया यह सामने आया है कि स्कूलों ने दस प्रतिशत से ज्यादा फीस में बढ़ोतरी की।
इसमें विभिन्न मद में विद्यार्थियों से शुल्क लिया जाता था। मामले में अतिरिक्त शुल्क का स्कूल आडिट भी नहीं करवाते थे। पुलिस ने इन जगहों से बैंक स्टेटमेंट भी लिया है, जिसमें पैसों का लेनदेन हुआ है। न्यू राधिका बुक डिपो, विजय नगर और चिल्ड्रन बुुक डिपो में दुकान के संचालकों को पुलिस लेकर गई जहां से फर्जी आइएसबीएन (इंटरनेशन स्टेडर्ड बुक नंबर ) की किताब जब्त की। पुलिस का कहना है कि इस आधार पर यह जांच की जाएगी कि ये फर्जी नंबर की किताबे आखिर कहा प्रकाशित हुई है।
कलेक्टर बोले-फीस तो लौटानी होगी एफआइआर दर्ज किए जाने के बाद गिरफ्तार किए गए निजी स्कूल संचालकों, प्रबंधक व प्राचार्यों ने 81.30 करोड़ रुपए की अतिरिक्त फीस वसूली थी। जिसके रेकॉर्ड जब्त किए गए हैं। कार्रवाई का सामना कर रहे 11 निजी स्कूल संचालकों ने बिना प्रशासन की अनुमति के 10 से 25 प्रतिशत तक की मनमानी फीस वृद्धि की थी। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि आपराधिक प्रकरण और कार्रवाई के साथ इन स्कूल संचालकों को वसूले गए 81.30 करोड़ रुपए अभिभावकों को लौटाने होंगे। इसके लिए एक माह की मोहलत दी गई है। अन्यथा पृथक से प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
रडार पर 75 और स्कूल जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा की जा रही जांच में 75 और स्कूल रडार पर हैं। इनपर भी अवैध फीस वसूली और किताबों व बस्ते में कमीशन वसूले जाने की शिकायत है। कलेक्टर सक्सेना का दावा है कि अवैध फीस वसूली का आंकड़ा 240 करोड़ रुपए तक जा सकता है।
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