इन संसाधनों की है कमी
डीजल शेड में 12 प्लेटफॉर्म हैं जिन पर डीजल इंजनों का मेंटनेंस होता था। यह प्लेटफॉर्म विद्युत इंजनों के लिए अनुपयोगी हैं क्योंकि ऊपर ओएचई लाइन नहीं है। इनमेंं से केवल प्लेटफॉर्म 11-12 पर ही ओएचई लाइन होने से उसका उपयोग हो पाता है। विद्युत इंजनों मेंं लगने वाला सामान भी शेड में उपलब्ध नहीं है। उसके लिए एसी शेड पर निर्भर रहना पड़ता है।
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इनका कहना है
डीजल शेड में विद्युत इंजन आने से काम बढ़ गया है। अभी करीब 190 लोको का मेंटनेंस हो रहा है जिसके लिए कम से कम 250 कर्मचारियों की आवश्यकता है। जीएम को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग की है।
महाकालेश्वर कश्यप, सचिव डीजल शाखा मजदूर संघ
इसमें स्टाफ को पहले बाकायदा ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। अलग से स्टाफ देना तो मुश्किल ही है फिर भी यह नीतिगत मैटर है जिस पर वरिष्ठ अधिकारी ही निर्णय लेंगे।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ जबलपुर