scriptडीजल शेड में 190 इंजनों का मेंटनेंस, 250 कर्मचारियों की कमी, अब टावर वेगन लाने की भी तैयारी.. | Maintenance of 190 locomotives in diesel sheds, shortage of 250 employ | Patrika News
इटारसी

डीजल शेड में 190 इंजनों का मेंटनेंस, 250 कर्मचारियों की कमी, अब टावर वेगन लाने की भी तैयारी..

-बिना स्वीकृत स्टाफ के कराया जा रहा मेंटनेंस

इटारसीJun 10, 2020 / 08:42 am

Rahul Saran

Loco pilot without derailment engine derailed at Rewa railway station

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इटारसी। जबलपुर जोन के बड़े डीजल शेडों में इटारसी का डीजल लोको शेड गिना जाता है। इसमें विद्युत इंजनों का मेंटनेंस का काम रेलवे बोर्ड के आदेश पर किया जा रहा है मगर चौंकाने वाली बात यह है बिना स्वीकृत स्टाफ के ही विद्युत इंजनों का मेंटनेंस किया जा रहा है। बढ़ाए गए इंजनों के हिसाब से कर्मचारी देने की तरफ रेलवे के आला अफसरों का ध्यान नहीं है जिससे मौजूदा कर्मचारियों पर ही काम का दबाव है। जल्द ही यहां टावर वैगन का मेंटनेंस भी चालू होने वाला है जिससे कर्मचारियों पर और दबाव बढ़ेगा।
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190 लोको का हो रहा मेंटनेंस
डीजल शेड में वर्तमान में करीब 190 इंजनों का मेंटनेंस हो रहा है। इनमें विद्युत इंजन और डीजल इंजन दोनों ही शामिल हैं। डीजल इंजनों की संख्या करीब 120 और विद्युत लोको की संख्या करीब 70 है। डीजल शेड में अब मेंटनेंस के लिए आने वाले विद्युत लोको की संख्या भी बढ़ती जा रही है मगर उसके अनुपात में कर्मचारी नहीं बढ़ रहे हैं।
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250 कर्मचारियों की है कमी
डीजल शेड में अभी करीब 750 रेलकर्मियों का स्टाफ है। यही स्टाफ डीजल शेड में आने वाले डीजल इंजन और विद्युत इंजनों का मेंटनेंस कर रहा है। यह स्टाफ करीब 170 इंजनों के हिसाब से मिला था मगर अभी कम से कम से 20 इंजनों का काम बढऩे से कर्मचारियों पर काम का दबाव है। अभी जितने इंजन मेंटनेंस के लिए आ रहे हैं उसके लिए कम से कम 250 कर्मचारियों की आवश्यकता है।
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इन संसाधनों की है कमी
डीजल शेड में 12 प्लेटफॉर्म हैं जिन पर डीजल इंजनों का मेंटनेंस होता था। यह प्लेटफॉर्म विद्युत इंजनों के लिए अनुपयोगी हैं क्योंकि ऊपर ओएचई लाइन नहीं है। इनमेंं से केवल प्लेटफॉर्म 11-12 पर ही ओएचई लाइन होने से उसका उपयोग हो पाता है। विद्युत इंजनों मेंं लगने वाला सामान भी शेड में उपलब्ध नहीं है। उसके लिए एसी शेड पर निर्भर रहना पड़ता है।
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इनका कहना है
डीजल शेड में विद्युत इंजन आने से काम बढ़ गया है। अभी करीब 190 लोको का मेंटनेंस हो रहा है जिसके लिए कम से कम 250 कर्मचारियों की आवश्यकता है। जीएम को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग की है।
महाकालेश्वर कश्यप, सचिव डीजल शाखा मजदूर संघ

इसमें स्टाफ को पहले बाकायदा ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। अलग से स्टाफ देना तो मुश्किल ही है फिर भी यह नीतिगत मैटर है जिस पर वरिष्ठ अधिकारी ही निर्णय लेंगे।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ जबलपुर

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