अगर नजर चूक जाती तो हादसे का शिकार हो सकती थी कुशीनगर ट्रेन
-बेरिंग बॉक्स का टेंप्रेचर ओवर -अलग किया जनरेटर यान
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इटारसी। गोरखपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनस जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस के जनरेटर यान की गड़बड़ी के कारण ट्रेन करीब 1 घंटा लेट हो गई। ट्रेन के जनरेटर यान के बेरिंग बॉक्स का टैंप्रेचर लगभग दोगुना होने के कारण बेरिंग बॉक्स को नुकसान हो सकता था जिससे हादसे का खतरा था। विभाग ने इस जनरेटर यान को ट्रेन से अलग कर टे्रन को रवाना कर दिया। कोच काटने की प्रक्रिया होने तक ट्रेन रुकने के कारण यात्रियों को खासा परेशान होना पड़ा।
यह है मामला
11016 गोरखपुर-लोतिट कुशीनगर एक्सप्रेस मंगलवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे प्लेटफॉर्म 3 पर आई थी। सीएंडडब्ल्यू विभाग के कर्मचारी अमरदास सेठी की नजर ट्रेन के अगले जनरेटर यान क्रमांक सीआर १४८५६/सी पर गई। इसके पहिए के पास बेरिंग बॉक्स लाल हो रहा था। गड़बड़ी की आशंका में रेलकर्मी ने ट्रेन रुकने पर इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी तो वे भी मौके पर पहुंचे। जांच में पाया गया कि जनरेटर यान कोच के ऑफ साइड की दूसरी ट्रॉली के बेरिंग का तापमान करीब 110 डिग्री हो गया था जबकि यह सामान्यत: 55 से 60 डिग्री होना चाहिए। अधिक तापमान से बेरिंग बॉक्स का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त भी हो गया था। अधिकारियों ने कोच को अनफिट घोषित कर उसे काटने का निर्णय लिया। करीब एक घंटे तक कोच को अलग करने की प्रक्रिया के बाद शाम करीब ५ बजे कुशीनगर एक्सप्रेस को रवाना किया जा सका।
हो सकता था हादसा
कुशीनगर एक्सप्रेस के जनरेटर यान के पहिए के पास बेरिंग बॉक्स में इस तरह का ओवर टेंप्रेचर खतरनाक साबित हो सकता था। यदि ट्रेन की यह गड़बड़ी धोखे से कर्मचारी की नजर से चूक जाती तो ओवर टेंप्रेचर के कारण बेरिंग बॉक्स में तेज रफ्तार ट्रेन में अचानक गड़बड़ी आने से कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी। संयोग से रेलकर्मी की नजर उस पर पडऩे से हादसे को टाल दिया गया।
किसने क्या कहा
टे्रन के जनरेटर यान में कुछ तकनीकि गड़बड़ी थी। इस वजह से जनरेटर यान कोच को अलग किया गया और ट्रेन को मुंबई के लिए चलाया गया।
एचएस तिवारी, एसएसई सीएंडडब्ल्यू इटारसी
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