शांतिधारा करने का सौभाग्य दिनेश कुमार मांगीलाल गोठी परिवार एवं सुधीर कुमार संदीप कुमार लिबर्टी परिवार को प्राप्त हुआ। गुरुवर ने अपने प्रवचन के दौरान मनी आदिनाथ के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा की भगवान को मोक्ष किस प्रकार से प्राप्त होता है इस पूरी प्रक्रिया का चित्रण पंचकल्याणक महामहोत्सव है। कार्यक्रम के दौरान भगवान आदिनाथ की मुनि अवस्था के पीछे कमंडल को लेने की होड़ लगी रही। तत्पश्चात ऐतिहासिक पंचकल्याणक फेरी निकाली गई। फेरी में बग्गी बरेली से आया हुआ रथ आकर्षण का केंद्र रहा। रथ में पंचकल्याणक महोत्सव के सभी मुख्य पात्रों ने विराजमान होकर भगवान को अपने माथे पर लेकर कार्यक्रम स्थल की सात परिक्रमा की।
शिखर पर कलश अर्पित किया, छत्र चढ़ाया-श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर एलकेजी कॉलोनी के नवीन मंदिर के शिखर पर मुख्य कलश अर्पित करने का सौभाग्य नीलेश जैन राखी जैन परिवार को एवं द्वितीय शिखर कलश अर्पित करने का सौभाग्य सोनिया आजाद जैन परिवार को प्राप्त हुआ। भगवान महावीर पर चांदी का स्वर्ण पॉलिश युक्त भव्य छत्र चढ़ाने का सौभाग्य आगरा निवासी परम पूज्य ब्रह्मचारी भैया महेश जी के परिवार को प्राप्त हुआ। इसी अवसर को देखते हुए इटारसी जैन समाज के किशोर जैन पारस सेनेटरी वालों ने घोषणा की कि मैं भी लगभग सवा किलो चांदी का छत्र मंदिर में चढ़ाना चाहता हूं। सभी लोगों ने करतल ध्वनि से उनको साधुवाद दिया। भगवान के मुख्य चंवर अर्पित करने का सौभाग्य समिति के अध्यक्ष सुभाष जैन प्रभा जैन को प्राप्त हुआ। भगवान के मुख्य आभूषण गले की चेन प्राप्त करने का सौभाग्य दिव्या दीपक जैन ऐडवोकेट को प्राप्त हुआ। भगवान की मुख्य दीपक को प्राप्त करने का सौभाग्य आरती लोकेश जैन मितेश जैन परिवार को प्राप्त हुआ। द्वितीय दीपक को प्राप्त करने का सौभाग्य सम्यंत जैन एडवोकेट को प्राप्त हुआ।
महामस्तिका अभिषेक और शोभायात्रा आज-श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर एलकेजी कॉलोनी में रविवार को नवीन जिनालय में भगवान की मूल नायक प्रतिमा भगवान महावीर का महामस्तिका अभिषेक का कार्यक्रम सुबह 7 बजे से रखा गया है। इसके बाद सुबह 10 बजे वर्धमान स्कूल परिसर में नवनिर्मित मानस्तंभ की चारों प्रतिमाओं को शोभायात्रा के रूप में कार्यक्रम स्थल से वर्धमान कॉलेज परिसर मानस्तंभ पर विराजमान किया जाएगा। जहां सभी आमंत्रित समाजजनों की पात्र भावना भी रखी गई है। तत्पश्चात वहां से शोभायात्रा कावेरी स्टेट जिनालय धूमधाम से जाएगी। जहां पर तीर्थंकर मल्लिनाथ भगवान की धातु की प्रतिमा को विराजमान किया जाएगा। जिसका सौभाग्य नरेंद्र कुमार सिंघई परिवार को प्राप्त हुआ है।