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भारत से ज्यादा अमरीका जरूरी क्यों?
अमरीकी मार्केट रिसर्च फर्म फॉरेस्टर की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में चीनी एप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाए जाने के साथ भले ही कंपनी के हाथ से एक बड़ा कारोबार निकल गया है, लेकिन यह अमरीका में अपना बिजनेस खोने से ज्यादा नुकसानदेह नहीं है। कंपनी के वरिष्ठ विश्लेषक जियाओफेंग वांग का कहना है कि डाउनलोड के मामले में भारत के बाद अमरीका टिकटॉक का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। भारत में इसके करीब 12 करोड़ यूजर्स रहे हैं, जबकि अमरीका में इसके यूजर्स की संख्या 10 करोड़ के आसपास है। उसके बाद भी अमरीका टिकटॉक के लिए काफी बड़ा बाजार है।
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भारत और अमरीका के कारोबार में जमीन आसमान का फर्क
फॉरेस्टर के विश्लेषण के मुताबिक दोनों बाजारों में रेवेन्यू जेनरेशन को लेकर जमीन आसमान का फर्क है। आय के मामले में अमेरिका का मार्केट कंपनी के लिए भारत से कहीं ज्यादा मायने रखती है। फॉरेस्टर के अनुसार साल 2020 में सोशल मीडिया विज्ञापन की लागत अमरीका में 3.7374 करोड़ डॉलर बैठी, जबकि भारत में यह आंकड़ा 16.73 लाख डॉलर के आसपास बैठता है। चीन ने टिकटॉक की बिक्री के मामले में अमरीका के बढ़ते हुए दबाव को देखते हुए तकनीक निर्यात कानून में बदलाव किए हैं, जिससे संयुक्त राज्य में इसके कारोबार पर हो रही बातचीत पर फिर से एक बार रूकावट आ गई है। इस अपडेट में बाइटडांस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को शामिल किया गया है, जो टिकटॉक की मूल कंपनी है।