देश में विकसित हो स्वदेशी नेटवर्क
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, स्वेदशी जागरण मंच और लघु एंव मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और टेलिकाॅम कंपनियों के बीच एक लंबे बैठक के बाद इसके बारे में जानकारी दी गई। स्वदेशी जागरण मंच के अश्विनी महाजन ने कहा, “स्वदेशी जागरण मंच पूरी तरफ से स्वदेशी होने की बात करता है। भारतीय कंपनियां पूरी तरह से सामर्थ्य हैं कि वो 100 फीसदी स्वदेशी नेटवर्क को विकसित कर सकें।”
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देसी कंपनियों को नहीं मिल पा रहा पर्याप्त मौका
स्वदेशी जागरण मंच की तरफ से एक बयान में कहा गया, “भारत में टेलिकम्युनिकेशन कंपनियों की हालत चिंताजनक है। सबसे पहली बात है कि हमारे टेलिकाॅम नेटवर्क को चीनी कंपनियां नियंत्रित करती हैं। हम सब जानते हैं कि चीनी मिलिट्री अपनी रणनीति के लिए इन्फाॅर्मेशन पर खासा ध्यान देती है। दूसरी बात यह है कि घरेलू कंपनियों को बाजार में प्रतिस्पर्धा करने का मौका नहीं पा रहा। सभी तरह के वैल्यू क्रिएशन चीन में हो रहा है आैर भारत में टेक प्रोडक्शन से लेकर राेजगार के मौके तक नहीं मिल रहे।”
चीनी कंपनियों को ही मिल रहे मौके
गौरतलब है कि कई घरेलू फर्म्स ने लगातार इस तरफ इशारा किया था कि चीनी कंपनियां अपने सरकार की सपोर्ट की से कई बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर टेंडर्स हासिल करने में बाजी मार जाती हैं।
इन कंपनियों की तरफ से शिकायत में कहा गया, “चीनी कंपनियां कस्टम ड्यूटी से बच जाती हैं, लेकिन घरेलू कंपनियों को डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशंस से बकाया भी नहीं मिल पाता। भारतीय कंपनियों को उनक मानदंडो का पालन करने को कहा जाता है तो केवल बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए ही हाेता है। इस प्रकार घरेलू कपंनियों के साथ भेदभाव होता है और उन्हें अपने ही बाजार में मौका नहीं मिलता।”
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स्वदेशी 5G नेटवर्क चाहता है जागरण मंच
स्वेदशी जागरण मंच ने कहा है कि भारत को राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिये। खासतौर पर हमें चीनी इक्वीपमेंट के इस्तेमाल से बचना चाहिये। स्वदेशी जागरण मंच यह भी चाहता है कि टेलिकाॅम कंपनियों को सही समय पर पेमेंट भी मिलना चाहिये ताकि वे अपने रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर खर्च कर सकें। जागरण मंच चाहता है कि भारत 5जी तकनीक के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो।