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मेंटेनेंस में कम खर्च
फ्यूल गाडियों के कंपैरिजन में इलेक्ट्रिक व्हीकल के मेंटेनेंस में काफी कम खर्चा होता है। फ्यूल का प्रयोग कम होने से मैकेनिकल पार्टस कम के होने के साथ उनके खराब होने की संभावना काफी कम होती है। जिसकी वजह से व्हीकल को ज्यादा मेंटेनेंस कराने की जरुरत नहीं पड़ती है। इससे आपको महीने और साल के हिसाब हजारों रुपयों की बचत होती है।
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सरकार से मिल रही है सब्सिडी
इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करने के लिए सरकार आम लोगों को सब्सिडी भी मुहैया करा रही है। वित्त मंत्री ने बजट सत्र में इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीददारी पर छूट की घोषणा भी की थी। वहीं दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद पर 1.5 लाख रुपए तक की छूट देने की बात कही है। दिल्ली सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की है।
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रनिंग कॉस्ट में मिलता है फायदा
फ्यूल व्हीकल को चलाने में सबसे ज्यादा बोझ रनिंग कॉस्ट का आता है। उसमें पेट्रोल या डीजल डलवाना होता है। जिसकी वजह से खर्च काफी बढ़ जाता है। इसके विपरीत इलेक्ट्रिक व्हीकल में रनिंग कॉस्ट काफी कम है। मौजूदा समस में देश में ऐसी गाडिय़ां लांच हो चुकी है जो जिन्हें चार्ज करने पर 450 किलोमीटर तक का ड्राइविंग रेंज दे रही है। मतलब साफ है कि ईवी पर रनिंग कॉस्ट 1 रुपए प्रति किलोमीटर से भी कम देखने को मिल रही है।
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घर में ही कर सकते हैं अपनी व्हीकल को चार्ज
मौजूदा समय में देश की ईवी निर्माता कंपनियां व्हीकल के साथ घर पर चार्जिंग फैसिलटी भी दे रही हैं। वहीं सरकार के साथ मिलकर देशभर में चार्जिंग स्टेशन बनाने पर भी जोर लगा रही हैं। ताकि रास्ते में चार्जिंग खत्म होने पर व्हीकल को चार्ज किया जा सके। अगर बात घर की करें तो सामान्य तौर पर 3 से 4 घंटे में गाड़ी को चार्ज किया जा सकता है।