लाखों कर्मचारियों पर संकट
बुधवार को सेंट्रल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में कहा कि एअर इंडिया को चलाना सरकार के लिए मुश्किल हो गया है। सरकार बीते कुछ सालों से एअर इंडिया के विनिवेश की बात कहती आ रही है। इस बाबत सरकार की तरफ से कोशिशें भी हुई हैं। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि एअर इंडिया की कमान बहुत जल्द निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा। बीते पांच साल में घाटे में चलने वाली कंपनियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। हाल ही में सरकार ने 19 ऐसी कंपनियों को बंद करने का फैसला लिया है। ऐसे में इन कंपनियों में कार्यरत लाखों कर्मचारियों के लिए बेरोजगारी का संकट बढ़ सकता है। अब सवाल यह है कि इससे निपटने के लिए सरकार के पास क्या प्लान है? क्या आगामी बजट में इसके लिए कुछ ऐलान हो सकता है?
यह भी पढ़ें – बजट 2019 का गणित: विनिवेश लक्ष्य बढ़ाकर 1 लाख करोड़ कर सकती हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ये है वजह
इन कंपनियों को बंद करने की मंजूरी
कुछ दिन पहले ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की 19 कंपनियों को बंद करने की मंजूरी दे दी है। ये सभी कंपनियां घाटे में चल रही हैं। कुछ साल पहले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016-17 में इन सभी कंपनियों को करीब 30 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ। संसद में भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय के मंत्री अरविंद गणपत सांवत ने हाल में बताया कि भारी उद्योग विभाग तुंगभद्रा स्टील प्रोडक्ट्स लिमिटेड, एचएमटी वॉचेज लिमिटेड, एचएमटी चिनार वॉचेज लिमिटेड, एचएमटी बियरिंग्स लिमिटेड, हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड, एचएमटी लिमिटेड की ट्रैक्टर यूनिट और इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड की कोटा यूनिट जैसी 19 कंपनियों को बंद करने की मंजूरी सरकार की ओर से दे दी गई है।
कई कंपनियों में सरकार की 90 फीसदी हिस्सेदारी
अब सरकार नौकरियों के संकट से बचने के लिए कुछ कंपनियों के शेयर्स डिलिस्ट करने की तैयारी भी कर रही है। सरकार को उम्मीद है कि इन कंपनियों की रणनीतिक सेल से सरकार को अधिक कीमत मिलती है। बाजार नियामक ने भी सभी लिस्टेड कंपनियों के लिए न्यूनमत 25 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंग जरूरी कर दी है। बता दें कुछ कंपनियों में सरकार के पास 90 फीसदी तक हिस्सेदारी है। सरकार के पास इनमें फर्टिलाइजर्स ऐंड केमिकल ट्रावणकोर लिमिटेड (FACT), एंड्रयूल एंड कंपनी लिमिटेड और एचएमटी लिमिटेड शामिल हैं। इनमें से FACT और HMT घाटे में चल रही हैं। इसके अलावा स्कूटर्स इंडिया में भी सरकार की 93 पर्सेंट हिस्सेदारी है, जिसे तीन साल प्रॉफिट में रहने के बाद वित्त वर्ष 2017 में 10.28 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। वह नॉन स्ट्रैटेजिक पब्लिक सेक्टर यूनिट्स को बेचना चाहती है।
यह भी पढ़ें – Budget 2019: सर्वे में खुलासा, टैक्सपेयर्स को नहीं है डायरेक्ट टैक्स में चेंज होने की उम्मीद
क्या हैं निर्मला सीतारमण से उम्मीदें
उम्मीद की जा रही है कि बजट 2019 में नई वित्त मंत्री सरकारी क्षेत्र की कंपनियों के कर्मचारियों के लिए कुछ नये पैकेज की घोषणा कर सकती हैं। इसके अलावा बहुत से कर्मचारियों को दूसरे सरकारी विभागों में भी समायोजित किया जा सकता है। ऐसे कर्मचारियों को निजी क्षेत्र में नौकरी मिले, इसके लिए सरकार निजी कंपनियों के लिए किसी प्रोत्साहन योजना की घोषणा कर सकती है। इसके अलावा, जो कर्मचारी अपना कारोबार या उद्यम खड़ा करें उन्हें मुद्रा योजना के तहत विशेष प्राथमिकता दी जा सकती है। देश की सेवा करने वाले ऐसे कर्मचारियों के लाखों परिजनों को इस बात का बेसब्री से इंतजार है कि वित्त मंत्री उन्हें क्या सौगात देती हैं।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.