आपको बता दें कि 2019-20 में भारत ने चीन से 854.56 मिलियन डॉलर कीमत का लगभग 2.9 मिलियन टन यूरिया निर्यात किया था। अधिकारियों का कहना है कि 1.27 मिलियन टन की क्षमता वाले इन यूरिया प्लांट्स के शुरू हो जाने से भारत 2023-24 तक यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
इन पांचों प्लांट्स में से एक तो इसी साल अक्टूबर तक तैयार होने की बात कही जा रही है। तेलंगाना की रामागुडम स्थित ये प्लांट फिलहाल बंद पड़ा था जिस सरकार ने फिर से शुरू करने का फैसला का किया है । इस मामले में ये गोरखपुर, सिंदरी के राज्य संचालित प्लांट्स जैसा ही है।
ये प्लांट इसी साल का करना शुरू कर देगा जबकि बाकी तीन अगले साल जून तक शुरू होंगे।