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देश की राजधानी में पी गई 1000 करोड़ रुपए की शराब
साल 2019 के अंतिम महीने में दिल्ली के लोग एक हजार करोड़ रुपए की शराब पी गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बात का आंकलन नहीं हो सका है कि आखिरी दिन 31 दिसंबर 2019 को शराब की कितनी बोतलें बिकी हैं। वहीं बात शराब टैक्स की करें तो इस बार दिसंबर में आबकारी विभाग को टैक्स के रूप में 465 करोड़ रुपए मिले हैं। पिछले साल दिसंबर के महीने में यह आंकड़ा 460 करोड़ रुपए था। आबकारी विभाग के अनुसार इस राशि की गणना वेंडर्स, होटल और बार को दी जाने वाली शराब के आधार पर की जाती है। देश की राजधानी दिल्ली में सरकारी और निजी दुकानों कुल संख्या 864 हैं। 951 होटल, बार और क्लबों के पास ग्राहकों को शराब सर्व करने का लाइसेंस है।
जब पत्रिका डॉट कॉम ने देश को जीएसटी कलेक्शन देने वाले राज्यों के आंकड़ों से दिल्ली वालों के शराब खर्च को कंपेयर किया तो चौंकाने वाली बात सामने आई। देश के 17 राज्य ऐसे पाए गए जिनका जीएसटी कलेक्शन दिल्ली वालों के शराब के खर्च से कम है। इसमें से कई कुछ नाम तो बेहद चौंकाने वाले हैं। जम्मू कश्मीर 409 करोड़, हिमाचल प्रदेश 699 करोड़, सिक्किम 214 करोड़, बात बिहार की करें तो 1016 करोड़ रुपए हैै। दिल्ली वालों के शराब के खर्च से कुछ ज्यादा, असम 991 करोड़, गोवा 363 करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन किया है।
दिल्ली आबकारी विभाग को मिला टैक्स
दिल्ली आबकारी विभाग को दिसंबर के महीने के में शराब से जितना टैक्स मिला है, उतना भी कई राज्य जीएसटी कलेक्शन नहीं कर सके हैं। देश के करीब 14 राज्य ऐसे हैं जिनका जीएसटी कलेक्शन दिल्ली आबकारी विभाग को मिलने वाले टैक्स से कम है। नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम जैसे राज्यों का नाम शामिल है। दिल्ली के आबकारी विभाग को दिसंबर के महीने में 465 करोड़ रुपए का टैक्स मिला है। जबकि पिछले साल दिसंबर में 460 करोड़ रुपए टैक्स मिला था।