चीन से होता है 85 फीसदी खिलौनों का आयात
वैश्विक शोध कंपनी आईएमएआरसी के आंकड़ों के अनुसार डोमेस्टिक टॉय मार्केट करीब 1.5 अरब डॉलर का है। होली के खिलौनो पर चीन के कोरोना का असर इसलिए देखा जा सकता है क्योंकि भारतीय बाजारों में बिकने वाले खिलौनो का 85 फीसदी हिस्सा चीन से आयात किया जाता है। एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट ( कमोडिटी एंड रिसर्च ) अनुज गुप्ता ने बताया कि भारत का चीन से काफी कारोबार होता है। कमोबेश चीन से आने वाले सामान की कॉस्ट कम होती है। इसलिए भारतीय होली जैसे त्योहारों पर चीनी सामानों को खरीदना पसंद करते हैं।
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चीन के अलावा इन जगहों से भी होता है आयात
जहां चीन से खिलौनों का आयात 85 फीसदी है। वहीं बाकी 15 फीसदी का आयात दूसरे देशों से भी किया जाता है। जानकारों की मानें तो भारत में खिलौनों का कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है। भारत चीन के अलावा चीन, मलेशिया, श्रीलंका, हॉन्गकॉन्ग और जर्मनी से खिलौनों का आयात कर रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी भी खिलौने के कारोबार में कूद पड़े हैं। उन्होंने पिछले साल दुनिया की सबसे बड़ी टॉय कंपनियों में से एक हैमलीज को खरीद लिया था।
2024 में दोगुने से ज्यादा होगा कारोबार
जानकारों की मानें तो भारत में खिलौनों का कारोबार तेजी से ग्रो कर रहा है। मौजूदा समय में भारत में खिलौनों का कारोबार करीब 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। 2019 से इस कारोबार में 13.3 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है। अगर 2024 तक इसी तरीके जारी रही तो भारत में इस कारोबार के दोगुने से भी ज्यादा यानी 23 हजार करोड़ रुपए तक आसार दिखाई दे रहे हैं।
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कोरोना की वजह से नहीं मिल पा रहा है सामान
भारत में कारोबारियों के सामने होली से पहले कोरोना वायरस की वजह से समस्या आ गई है। दरअसल कारोबारियों ने जो माल ऑर्डर किया हुआ था वो उन्हें अब तक मिल नही सका है। दिल्ली के खिलौना कारोबारी विवेक मित्तल के मुताबिक कोरोनावायरस की महामारी फैलने से काफी पहले के चलते हमारा माल अब तक नही पहुंच सका है। ऐसे में हम ऑनलाइन ऑर्डर करना पर रहा है।
ऑनलाइन के भरोसे पर दुकानदार और ग्राहक
कारोबारियों के पास माल की कमी होने का फायदा ऑनलाइन कारोबार करने वालो को मिल रहा है। प्ले मार्केट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार छोटे स्तर के कारोबारियों की तरफ से पोर्टल पर होली के सामान की पूछताछ में 127 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है क्योंकि वे स्टॉक खरीदना चाहते थे। मार्केट एक्सपर्ट विजय सरदाना ने पत्रिका को बताया कि दरअसल जब से चीनी समानों का बहिष्कार का मामला सोशल मीडिया पर उछलने लगा तब से लोगों में इन समानों के प्रति जोश कम हुआ है। साथ ही उपभोक्ता आर्थिक मंदी की वजह से खर्च को लेकर भी सतर्कता बरत रहे हैं। उपर से कोरोना वायरस के चलते बाजार फीका दिख रहा है।