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इंदौर

नशे के दलदल में फंसा शहर, निशाने पर संभ्रांत परिवारों के युवा

मौका ए सावधान: हर महीने होती है कार्रवाई लेकिन नहीं लग पा रही रोक

इंदौरOct 04, 2021 / 04:38 pm

प्रमोद मिश्रा

प्रमोद मिश्रा
इंदौर। नशे के मामले में इंदौर लगातार कुख्यात होता जा रहा है। यहां पकड़ाई एमडी सप्लायर की गैंग ने इंंदौर से मुंबई, सूरत, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद आदि बड़े शहरों में नशा बेचना कबूल किया। हाल की आंकड़े बताते है कि नशे की गिरफ्त में आने वाले सबसे ज्यादा युवा व नाबालिग हैै। नशे के लत में अपराध की दुनियां में भी शामिल हो जाते है।
पुलिस नशे को लेकर लगातार कार्रवाई करती है लेकिन फिर भी रोक नहीं लग पा रही है। ताजा दौर में जितनी कार्रवाई हुई उससे साफ हैै कि संभ्रांत परिवार के युवा तस्करों व नशा बेचने वाले एजेंटों के निशाने पर है, खासकर नाबालिगों को नशे का आदी बनाया जा रहा है। पॉश कॉलोनी के बच्चों पर एजेंटों की नजर है तो बस्ती के नाबालिग आसानी से उपलब्ध होने वाले नश के कारण एडिक्ट होकर अपराध कर रहे है। आइजी हरिनारायणाचारी मिश्रा का कहना है, युुवा खासकर नाबालिगों को नशे से बचाने की जरुरत है। पालकों पर इस ओर विशेष ध्यान देना होगा। बच्चों की हरकत, गतिविधियों पर नजर रखना चाहिए ताकि उन्हें नशे से बचाकर एक बेहतर भविष्य दिया जा सके।
हर महीने बन रहे नशे के 152 केस
नशे के मामले में सबसे पहले अवैध शराब का नाम आता है जिसमें पुलिस आबकारी एक्ट में कार्रवाई करती है। इस साल औसतन हर महीने 406 केस दर्ज हुए। गांजा, चरस, ब्राउन शुगर, एमडी आदि के मामले एनडीएसएस एक्ट के तहत दर्ज होते है। इस साल हर महीने एनडीपीसी के औसतन 152 केस दर्ज हुए। पिछले दो सालोंं के मुकाबले यह ज्यादा केस है। इसमें पीने वालों की संख्या ज्यादा है, बेचने वालों की कम। हालांकि साल की शुरुआत में पुलिस ने करीब 70 करोड़ की एमडी ड्रग पकड़ी थी।
वर्ष २०१९ २०२० २०२१
आबकारी एक्ट २७६० २८०५ ३२४९
एनडीपीएस एक्ट ११३९ ६३१ १२२३


केस 1: नशे में 14 साल के बालक ने कर दी सौतेेले भाई की हत्या
लसूडिय़ा में पिछले दिनों हुई युवक की हत्या में 14 साल के नाबालिग को पुलिस ने पकड़ा था। चाइल्ड लाइन की टीम पहुंची तो पता चला कि नाबालिग नशे का आदी है, यहीं नही उसकी बस्ती के कई नाबालिग नशा करते है, कुछ लोग आकर उन्हें नशा देे जाते है। चाइल्ड लाइन ने इस बाबद जिम्मेदार अफसरों को रिपोर्ट भी दी थी लेकिन आरोपी हाथ नहीं लग पाए।

केस 2: उच्च शिक्षित परिवार के बच्चा बना एडिट, घर में करते चोरी
नशा मुक्ति केंद्रों मेें हाल ही में कई ऐसे मामले आए जिसमें उच्च शिक्षित परिवार के नाबालिग बच्चे नशे का आदी बन गए। शासकीय महिला अधिकारी ने बच्चे को नशे से दूर करने के लिए नशा मुक्ति केंद्र की शरण ली। प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ाई करते समय आसपास सक्रिय रहने वाले लोगों ने उनके बेटे को नशा उपलब्ध कराया और जब वे एडिक्ट बन गया तो मुंहमांगी कीमत वसूली। बच्चे ने कई बार नशे के लिए घर में चोरी भी की। परिवार ने रोका तो उनसे विवाद करने लगे।

इन इलाकों में बिक रहा नशा
पुलिस ने हाल ही में जो कार्रवाइयां कि उससे पता चला कि कुछ इलाके नशा बेचने के मामले में कुख्ताय हो गए है। महिलाएं भी नशा बेचने में पीछे नहीं है। बार, पब, रेस्टोरेंट, क्लब व जिम में एमडी व कोकिन नशा उपलब्ध कराने में आंटी उर्फ प्रीति जैन गिरफ्तार भी हुई लेकिन फिर भी बिक्री बंद नहीं हो पाई
– थाना लसूडिय़ा में स्कीम न. 78 व राहुल गांंधी नगर
– थाना पलासिया के पॉश इलाके में तस्कर सक्रिय
– थाना आजादनगर में आजादनगर, भील कॉलोनी
– थाना खजराना में खजराना, जल्ला कॉलोनी
– थाना सदरबाजार में सदरबाजार, जूना रिसाला, मराठी मोहल्ला
– थाना चंदननगर व राऊ के कुछ इलाके
लोग भी हो जागरूक
हमारे समाज मे नशा एक बीमारी बन कर फैल रहा है। बडे पैमानें पर जो भी अपराध गठित हो रहे है या तो नशे के लिए किए गये है या फिर नशे मे किये गये है। पुलिस द्वारा इस दिशा मे लगातार कार्रवाई की जा रही है, लोगो को भी जागरूक होना होगा।
मनीष कपूरिया, डीआइजी

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