स्वच्छता में इंदौर लगातार पांच बार से देश में अव्वल आ रहा है। इस वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में 6 लगाने की तैयारी है। संभवत: सर्वे का परिणाम अगले माह आ जाएगा। स्वच्छता में अव्वल आने की वजह शहर की सफाई व्यवस्था और कचरा प्रबंधन निगम द्वारा अपने हाथ में लेना है। यह काम पहले ठेके पर कराने के चलते गड़बड़ी होने के साथ जगह-जगह गंदगी व कचरा नजर आता था। निगम ने ठेकेदार कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाया और सफाई व कचरा प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग अमले को मुस्तैदी के साथ मैदान में उतारकर संसाधन को बढ़ाया गया। सबसे बड़ा काम शहर को कचरा पेटी मुक्त करते हुए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन चलाए। इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी कि घर-दुकान का कचरा रोड और पेटी की जगह सीधे गाड़ी में आएगा। यह कल्पना निगम ने साकार की और 85 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन चलाना शुरू किए। गली-मोहल्लों, कॉलोनियों, मुख्य मार्ग और बाजारों में ये वाहन चलाए गए। शुरुआत 100 के आसपास वाहनों से हुई थी। धीरे-धीरे ये वाहन 600 हो गए। इनमें से तकरीबन 350 वाहनों की हालत खराब है। इन्हें सुधारकर चलाया जा रहा है। 100 वाहन तो ऐसे हैं, जो पूरी तरह कंडम यानी चलने लायक नहीं बचे हैं, फिर भी इनसे काम चलाया जा रहा है। इन वाहनों को धीरे-धीरे बदलने का काम वर्कशॉप विभाग कर रहा है। पिछले दिनों 85 नए जीएनजी वाहन खरीदने के टेंडर जारी किए गए। टेंडर मंजूर हो गए और वर्कऑर्डर निकलना है। इसके निकलते ही नए वाहन खरीदने की प्रक्रिया होगी और अक्टूबर में वाहन आ जाएंगे। इसकी तैयारी वर्कशॉप विभाग ने शुरू कर दी है।
हो गए आठ वर्ष से ज्यादा
निगम में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन आए आठ वर्ष से अधिक हो गए हैं। इनके रखरखाव के साथ सुधार कार्य वर्कशॉप विभाग करता है। बावजूद इसके कई वाहन खटारा होने की स्थिति में पहुंच गए हैं। ये वाहन कभी भी खराब होने के साथ कहीं भी खड़े हो जाते हैं।
13 वाहन आए, आरटीओ में अटके
हाल ही में निगम ने 13 डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन खरीदे हैं। इन वाहनों को आरटीओ से परमिट नहीं मिले हैं। इसको लेकर वर्कशॉप विभाग कार्रवाई कर रहा है। जल्द ही ये वाहन सड़कों पर दौडऩे लगेंगे। किस वार्ड में ये वाहन दिए जाएंगे, यह अभी तय नहीं किया गया है।
25 रहेंगे ओपन
निगम जो 85 नए सीएनजी डोर-टू-डोर कचरा वाहन खरीदने जा रहा है, उनमें से 25 ओपन और 60 कचरा कलेक्शन के 5.5 के बड़े वाहन हैं। अभी निगम के पास 600 में से 35 के आसपास वाहन सीएनजी हैं। बाकी डीजल चलित हैं।
वार्डों में डिमांड
कचरा वाहनों की हालत खराब होने के चलते 85 में से कई वार्डों में नए वाहन देने की डिमांड की जा रही है। इसके लिए अगले महीने आने वाले 85 वाहनों में से सबसे पहले उन वार्ड में दिए जाएंगे, जहां सबसे ज्यादा जरूरत है।
अभी कर रहे तय
स्वच्छता में इंदौर हमेशा अव्वल रहे, इसलिए सफाई से लेकर कचरा प्रबंधन और संसाधनों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके चलते 85 नए सीएनजी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन खरीदे जा रहे हैं। ये अगले महीने आ जाएंगे और जरूरत के हिसाब से वार्डों में दे देंगे। जिन वार्डों के वाहन पूरी तरह खस्ताहाल हैं, उन्हें पहले देंगे। अभी जो 13 वाहन आए हैं, उनको किस वार्ड में देना है, तय किया जा रहा है।
– पुष्यमित्र भार्गव, महापौर इंदौर नगर निगम