scriptइस बार 10  दिनों की गुप्त नवरात्रि में रहेगा दश महाविद्या साधना का श्रेष्ठ काल | This time, Dasha Mahavidya Sadhana will be the best period for 10 days | Patrika News
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इस बार 10  दिनों की गुप्त नवरात्रि में रहेगा दश महाविद्या साधना का श्रेष्ठ काल

यंत्र, तंत्र व मंत्र सिद्धि के लिए जाने जाते हैं। इस वर्ष माघ शुक्ल प्रतिपदा 12 फरवरी शुक्रवार से गुप्त नवरात्र आरंभ हो रहे हैं, जो 9 नही बल्कि 10 दिनों के हैं।

इंदौरFeb 06, 2021 / 12:30 am

लवीन ओव्हल

लवीन ओव्हाल
इंदौर. वर्ष में कुल चार नवरात्र होते हंै, चैत्र व आश्विन के नवरात्र उजागर होते हैं, जिनकी सर्वत्र मान्यता है। दो नवरात्र आषाढ़ व माघ माह में आते हैं, जिन्हें गुप्त नवरात्र के नाम से जाना जाता है। ये यंत्र, तंत्र व मंत्र सिद्धि के लिए जाने जाते हैं। इस वर्ष माघ शुक्ल प्रतिपदा 12 फरवरी शुक्रवार से गुप्त नवरात्र आरंभ हो रहे हैं, जो 9 नही बल्कि 10 दिनों के हैं। माघ माह की गुप्त नवरात्रि का समापन 21 फरवरी को होगा। माघ माह के गुप्त नवरात्र धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग व किंस्तुघ्न करण में प्रारंभ हो रहे हंै। कुंभ राशि का चंद्रमा, मकर राशि का सूर्य व मकर के गुरू में घटस्थापना होगी। घटस्थापना के दिन शनि, गुरू, सूर्य, शुक्र व गुरू की पंचग्रही युति भी रहेगी। वहीं सूर्य सुबह शनि की राशि में गोचर करेंगे तो रात 9.11 बजे राशि परिवर्तन कर शनि की ही कुंभ राशि मे प्रवेश करेंगे।
विद्यार्थियों के लिए खास यह नवरात्र
आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक ने बताया कि इस वर्ष नवरात्र विद्यर्थियों के लिए कुछ खास है। यह माघ माह की नवरात्र सरस्वती आराधना के लिए विशेष है। 16 फरवरी को सरस्वती जयंती वसंत पंचमी है। मां सरस्वती की साधना का महान पर्व श्री पंचमी को अहर्निश शुभ योग निर्मित हो रहा है, जिससे यह पर्व विद्या अध्ययन के लिए खास बना हुआ है। माघ माह की नवरात्र इस वर्ष विशेष योग संयोग में मनेगी। वैसे तो नवरात्र अपने आप में विशेष ही होती है, किन्तु इस वर्ष माघी गुप्त नवरात्र ९ के बजाय 10 दिनों की रहेगी। नवदुर्गा के साथ दश महाविद्या की कृपा प्राप्त होगी। इस नवरात्र में षष्ठी अर्थात छठ तिथि की वृद्धि होने से ये नवरात्र पूरे 10 दिनों के है।
शुक्र का तारा अस्त, मंगल कार्य नहीं होंगे
17 फरवरी व 18 फरवरी दोनों दिन षष्ठी तिथि रहेगी, इसलिए भी यह नवरात्र विशेष है। 13 फरवरी को देवराज गुरू पूर्व में उदित होंगे तो 14 फरवरी शुक्र अस्त होंगे। 16 फरवरी वसंत पंचमी को इस वर्ष विवाह नहीं हो सकेंगे। वसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त की श्रेणी में आता है। किंतु इस वर्ष पंचमी को शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह आदि मंगल कार्य नहीं हो सकेंगे। विवाह में शुक्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। शुक्र काम जीवन का कारक माना जाता है। इसके अस्त होने से विवाह का क्या औचित्य रह जाता है। अत: शुक्र के अस्त होने से वसंत पंचमी पर विवाह नहीं हो सकेंगे। लेकिन अबूझ संज्ञक मुहुर्त होने से अनेक समाज द्वारा सामूहिक विवाह किए जाएंगे।
यंत्र, तंत्र व मंत्र साधना का श्रेष्ठ काल
आचार्य पं. शर्मा के अनुसार यंत्र, तंत्र व मंत्र साधना का श्रेष्ठतम काल है। ये गुप्त नवरात्र सामान्यत: गुप्त नवरात्र साधना व उपासना के लिए महत्वपूर्ण माने जाते है ।माघी गुप्त नवरात्र सरस्वती साधना, उपासना के साथ ही यंत्र, तंत्र व विशेष मंत्रों की सिद्धि के श्रेष्ठतम काल कहे गए हैं। इनका उपयुक्त काल है अभिजीत (मध्यांह) व महानिशा काल (अर्धरात्रि)। शुद्धता व पवित्रता से अपने इष्टदेव की साधना व मां भगवती की कृपा से ही यह संभव है। गुप्त नवरात्रि में दुर्गासप्तशती व निर्वाण मंत्र साधना से भगवती की असीम कृपा प्राप्त होती है। चारों नवरात्र में घट स्थापना, सात्विक विचार, शुद्धता, पवित्रता, उपवास आदि की प्रमुखता होती है।

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