scriptऐसे लगी थी महाकाल गर्भगृह में आग, महज 12 साल के बच्चे ने बताई चौंकाने वाली बात | This is how fire broke out in Mahakal sanctum sanctorum 12 year old child told shocking fire reason | Patrika News
इंदौर

ऐसे लगी थी महाकाल गर्भगृह में आग, महज 12 साल के बच्चे ने बताई चौंकाने वाली बात

इंदौर में भर्ती हादसे के 13 घायलों ने बताया- महज 10 सेकंड का वो खौफनाक घटनाक्रम। आग लगने की वजह भी आई सामने। घायलों में पुजारी और सेवकों में 12 साल का बच्चा भी था मौजूद। ऊपरी चमड़ी जलने से घायलों को हो रही असहनीय तकलीफ।

इंदौरMar 27, 2024 / 09:01 am

Faiz

mahakal garbhagrah fire reason explain by fire injured

ऐसे लगी थी महाकाल गर्भगृह में आग, महज 12 साल के बच्चे ने बताई चौंकाने वाली बात

महाकाल मंदिर में सोमवार को होली पर भस्म आरती के दौरान भभकी आग में 12 साल का अंश शर्मा भी झुलस गया। हादसे वाले समय वो भी महाकाल मंदिर के गर्भगृह में मौजूद था। पिता नीरज शर्मा मंदिर में पुरोहित हैं। मां मनीषा शर्मा ने बताया, जब हादसा हुआ तक हम गर्भगृह के बाहर नंदी प्रतिमा के पास थे। अंश गर्भगृह में अंदर एक तरफ खड़ा था। आरती के बाद जैसे ही कर्पूर लगाया तो आग का भभक उठी। अंश थोड़ी दूर पर पीछे की तरफ था। आग से चांदी और सोने की नक्काशी को कवर करने के लिए लगाए प्लास्टिक के पर्दे ने आग पकड़ी। जो अंश को कमर पर चिपक गई। उसके पैर की चमड़ी भी जल गई है, वहीं अंगुलियां भी झुलसी हैं। उसकी हालत में सुधार है, लेकिन हादसे के बाद से वो काफी घबरा गया है, जिससे उसे नींद भी नहीं आ रही है।

 

हादसे में घायल 13 मरीज अरविंदो अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका इलाज बर्न यूनिट में चल रहा है। अस्पताल के 64 डॉक्टरों के दल ने मरीजों को भर्ती कर इलाज शुरू किया। फाउंडर चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी ने बताया की महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने हादसे की जानकारी फोन पर दी थी। नर्सिंग स्टॉफ और पैरामेडिकल स्टाफ ने सोमवार को मरीजों के पहुंचने से पहले उपचार की तैयारी कर ली थी। अस्पताल में मौजूद मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि सभी की हालत में सुधार हो रहा है। मामले की मजिस्ट्रियल जांच भी जारी है।

 

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सोमवार सुबह 8 घायलों को अस्पताल लाया गया था। इसके बाद 5 अन्य मरीज भी यहां पहुंचाए गए। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसीराम सिलावट ने अस्पताल का दौरा कर घायलों से चर्चा की। इनमें महाकाल मंदिर के पुजारी भी शामिल थे। कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशानुसार सभी मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है।

 

अस्पताल में भर्ती मंदिर के सेवक सोनू राठौर ने बताया सुबह लगभग 5.30 बजे आरती के समय कर्पूर जलाया गया। इसी दौरान गुलाल भी उड़ाया जा रहा था। कर्पूर जलते ही अचानक से आग भभक उठी, जिसके बाद पर्दे ने आग पकड़ ली। दीवार की तरफ खड़े लोग भी झुलसे हैं। मेरी पीठ, हाथ झुलसे हैं, वहीं बाल भी काफी जल गए। महाकाल की कृपा से सभी अब स्वस्थ हो रहे हैं।

 

मंदिर के कर्मचारी मंगल बिंजवा भी अस्पताल में घायल लोगों में भर्ती हैं। उनके साथ आए परिजन ने बताया कि वे बीते 10 साल से महाकाल की सेवा में हैं। हर रोज भस्म आरती में शामिल होते हैं। हादसे वाले दिन भी वो गर्भगृह में ही मौजूद थे। आग की चपेट में आने से उनके हाथ-पैर, चेहरा और पीठ झुलस गया है। अब स्थिति में सुधार हो रहा है।

 

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अस्पताल में भर्ती गर्भगृह निरीक्षक कमल जोशी ने बताया कि वे भी भगवान महाकाल के पास ही मौजूद थे। आरती हुई और कर्पूर लगाने की तैयारी थी। इसी दौरान मैं प्रणाम के लिए झुका और आग भभक उठी। मेरे हाथ, पीठ और पैर बुरी तरह से झुलसे हैं। उन्होंने कहा कि गनीमत रही कि झुकने के कारण उनके चेहरे पर लपट नहीं लग सकी।

 

 

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मंदिर के पुजारी आनंद पांडेय ने बताया कि वो भी आरती के दौरान गर्भगृह में ही मौजूद थे। होली पर सभी रंग-गुलाल उड़ा रहे थे। इसी दौरान आग भभक उठी, जिसमें पीठ, दोनों हाथ, दोनों पैर झुलस गए। पेट की चमड़ी भी झुलस गई। उन्होंने बताया कि महज 10 से 15 सेकंड में सब कुछ हो गया। इसके बाद सभी को तुरंत ही अस्पताल पहुंचाया गया।

 

 

फॉयर टेक्नालॉजी के प्रोफेसर डॉ. प्रवीण पटेल का कहना है कि जब भी कहीं पर आग की घटना होती है तो इसके लिए 3 चीजें जिम्मेदार होती हैं। जो ईधन, निर्धारित ताप और ऑक्सीजन है। अनुमान लगा सकते हैं कि महाकाल मंदिर में आरती के समय आग भी इसी के आधार पर लगी है। क्योंकि हर कोई चीज या पदार्थ जो भौतिक अवस्था में मौजूद है वो एक निश्चित ताप पर जलता है। चाहे वो गुलाल हो या स्टील की कोई चीज। गुलाल में भी डस्ट के रूप में छोटे छोटे कण होते हैं। इसे निश्चित ताप मिले तो ये भी जल उठता है। जब कर्पूर जला होगा तो इसे निश्चित ताप के साथ ही ऑक्सीजन का संपर्क मिला होगा, जिससे फ्लेश फायर की स्थिति बनी होगी।

 

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