दरअसल यहां भरी सभा में पंजाब से आए कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरी (अमृतसर) ने समाज के सचिव राजा गांधी को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया। उन्होंने उन पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को सरोपा सौंपकर उनके सम्मान पर आपत्ति जताते हुए बवाल मचा दिया। ज्ञानी मंजीतसिंह कानपुरी ने मंच से कहा, सिख विरोधी दंगों के जिम्मेदार यहां क्यों आए। इनके कारण ही हजारों सिख भाइयों की हत्या हुई थी। इतने सारे लोग यहां आ गए, इससे मुझे दु:ख हुआ है। दीवान साहब में भी संगत राजनीति को ला रही है तो फिर मैं इंदौर नहीं आऊंगा। गौरतलब है कि कमलनाथ इंदौर में भारत जोड़ो यात्रा के आयोजनों में शामिल होने आए थे। वे खालसा कॉलेज पहुंचे थे। उनके साथ कई कांग्रेस नेता भी थे। नाथ दीवान साहब के सामने माथा टेकने के बाद थोड़ी देर बैठकर रवाना हो गए। कांग्रेस के सिख नेता सच सलूजा ने दीवान साहब के दर्शन का कार्यक्रम भी जुड़वा दिया था।
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भरी सभा में कीर्तनकार मनप्रीत सिंह के ये तेवर देख उपस्थित सभी जन हैरान रह गए। मनप्रीत सिंह ने समाज सचिव राजा गांधी से कहा कि ‘1984 में जिस बंदे के कहने पर हजारों सिखों का कत्ल होता है, दुकानें जला दी जाती हैं, हमारी माता-बहनों की इज्जत पर हाथ डाला जाता है, उस बंदे का सम्मान हम कर रहे हैं। मैं वाहे गुरु गोविंद सिंह की सौगन्ध खाकर कहता हूं कि अब कभी इंदौर नहीं आऊंगा।’ इस बीच मनप्रीत सिंह को जवाब देते हुए राजा गांधी ने कहा कि ‘मैं गलत हूं तो मैं भुगत लूंगा और आप गलत हो तो आप भुगतोगे।’
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…जब कार्यक्रम में छा गया सन्नाटा
कमलनाथ के आने के बाद से ही नाराज दिख रहे ज्ञानी कानपुरी पहले अंदर नहीं गए। उनके बाहर जाने के बाद ज्ञानी ने अपना दर्द बयां किया। मंच से ही उनके बयान के बाद कार्यक्रम में सन्नाटा सा छा गया था। जिस समय ज्ञानी कानपुरी अपनी बात रख रहे थे, उस समय कमलनाथ स्टेडियम से बाहर जा चुके थे।
गृह मंत्री भी बोलेअत्यंत दुखद है… शर्मनाक
इस मामले में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बयान दिया है कि आज गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व है जिन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा में अपना जीवन तिल-तिल कर समर्पित कर दिया। आज इंदौर के खालसा कॉलेज में जो हुआ वह अत्यंत दुखद है, शर्मनाक है। उन्होंने मनप्रीत सिंह की इंदौर न आने की कसम पर ट्विट भी किया.. वे बोले कि ‘इंदौर के प्रभारी मंत्री होने के नाते परम आदरणीय कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरी जी से विनम्र आग्रह है कि कुछ लोगों के कुतर्क की सजा सबको नहीं मिलनी चाहिए। आपकी ज्ञानवाणी का लाभ इंदौर के लोगों को मिलना चाहिए। इसलिए आप इंदौर नहीं आने के अपने फैसले पर जरूर पुनर्विचार करें।