शक्ति दिखाना चाहिए। आपसी मन मुटाव को दूर करना चाहिए। ये सुनने के बाद हॉल में जो बोले सो निहाल का नारा गूंज गया। सभी ने बक्शी की बात का समर्थन किया।
बैठक में समाज के एक वरिष्ठ का कहना था कि ये यात्रा संघ निकाल रहा है हमको उनके पीछे नहीं चलना चाहिए। हमको तो अपना अलग कार्यक्रम करना चाहिए। कांग्रेस नेता सन्नी राजपाल ने कहा था कि यात्रा में राजनीति तो नहीं है। वास्तविकता में शहीदों को याद कर रहा है तो हमको शामिल होना चाहिए। इस पर बक्शी ने कटाक्ष किया। कहना था कि यात्रा आजादी के लिए सिख समाज की कुर्बानी को लेकर की याद में निकाली जा रही है। एक तरह से जनजागरण है सारे समाज का। हमको तो पूरी शक्ति के साथ शामिल होना चाहिए। अधिक से अधिक माता-बहनों और युवाओं को शामिल होना चाहिए ताकि गौरवशाली इतिहास उन्हें भी याद रहे कि जलीयावाला बाग में नरसंहार करने वाले जनरल डायर से विदेश में जाकर बदला लिया था। अध्यक्ष भाटिया ने तय किया कि 13
अप्रैल को हर साल कार्यक्रम किया जाएगा।
सभा ने योजना बनाई है कि यात्रा में समाज के पुरुष केसरिया पगड़ी में होंगे तो महिला सफेद कपड़े पहने होंगी। यात्रा तोपखाना गुरुद्वारे से शुरू होकर चिमनबाग पहुंचेगी। आगे एक साउंड की गाड़ी होगी जिसमें कीर्तन चलेगा।