scriptExclusive Interview: ‘द केरेला’ स्टोरी के राइटर ने Birthday पर बदली केक काटने की परम्परा, बोले, ‘जागरूकता ही तोड़ सकती है जिहाद फैलाने वालों की कड़ी’ | the kerela story movie writer suryapalsingh sisodiya said about women awareness make film on ram prasad bismil coming soon | Patrika News
इंदौर

Exclusive Interview: ‘द केरेला’ स्टोरी के राइटर ने Birthday पर बदली केक काटने की परम्परा, बोले, ‘जागरूकता ही तोड़ सकती है जिहाद फैलाने वालों की कड़ी’

यह बात युवा दिवस पर एक कार्यक्रम में शामिल होने आए ‘द केरला स्टोरी’ के लेखक सूर्यपाल सिंह सिसोदिया ने कही…
 

इंदौरJan 14, 2024 / 02:31 pm

Sanjana Kumar

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कोई भी फिल्म बनाना आसान नहीं होता। उसकी कहानी लिखने से पहले एक लंबी रिसर्च लगती है। केरल में हुई इस घटना के बाद अभी भी ऐसे कई मॉड्यूल देश में सक्रिय हैं। इनके जाल में फंसने से बचाने के लिए लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। यह बात युवा दिवस पर एक कार्यक्रम में शामिल होने आए ‘द केरला स्टोरी’ के लेखक सूर्यपालसिंह सिसोदिया ने कही। बोले, रामप्रसाद बिस्मिल पर फिल्म तैयार…

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पत्रिका से खास बातचीत में उन्होंने बताया, ‘द केरला स्टोरी’ बहुत सफल फिल्म रही। हम लोगों की सोच बदलने और उन्हें इस तरह की गतिविधियों के प्रति जागरूक करने में कुछ हद तक सफल भी हुए हैं। इस फिल्म को देखने के बाद लड़कियों का आत्मविश्वास बढ़ा है और अब वह हताश होने की जगह इन चीजों से लड़ने लगी हैं। इस बदलाव ने हमारी भी हिम्मत बढ़ाई है। अब हम इसी तरह के मुद्दों पर अन्य फिल्में भी बना रहे हैं। लोगों की जागरूकता ही जिहाद फैलाने वालों की कड़ी तोड़ सकती है।

घर में बदली जन्मदिन मनाने की परंपरा

हर वर्ग केक काटने, परिवार और दोस्तों के साथ पार्टी कर जन्मदिन मनाते हैं। मैंने अपने घर से इस परंपरा को बदल दिया है। मैंने पंडित से पुराने समय में जन्मदिन मनाने का तरीका पूछा तो उन्होंने बताया कि मार्कंडेय पूजा कर जन्मदिन मनाते थे। तभी से मैं अपने बेटे के जन्मदिन पर मार्कंडेय पूजन करवाता हूं।

लोगों का जागरूक होना बड़ी सफलता

फिल्म द केरला स्टोरी को लोगों ने बहुत पसंद किया। बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्म ने रिकॉर्ड तोड़े, लेकिन हमारे लिए यही सफलता नहीं है। फिल्म को देखने के बाद इस तरह के मामलों को लेकर लोग जागरूक हुए हैं, यह हमारी सफलता है। लड़कियां अपने खिलाफ हो रहे अपराध के खिलाफ आवाज उठाने लगी हैं। ब्रैनवॉश कर अपने जाल में फंसाने वालों की बातें समझकर उनकी चेन तोड़ने लगी हैं।

धार्मिक यात्राओं का बढ़ा ट्रेंड

‘द केरला स्टोरी’ फिल्म का उद्देश्य राह भटक रहे युवाओं को धर्म के प्रति जागरूक करना भी था। हम इसमें सफल भी हुए हैं। अब यात्राओं को ट्रेंड भी बदला है। पहले युवा छुट्टियां मनाने, घूमने-फिरने के लिए हिल स्टेशन या अन्य जगह जाते थे। अब वे धार्मिक स्थलों की यात्रा कर रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस फिल्म को देखकर लोगों की सोच बदली है।

मैं आदिवासी अंचल को लेकर एक फिल्म बनाना चाहता हूं। वहां कई ऐसी चीजे हैं, जिससे लोग अनजान हैं। इस पर काम चल रहा है। कोई भी फिल्म बनाने से पहले बड़ी रिसर्च लगती है। रामप्रसाद बिस्मिल पर फिल्म बनाई है। इसमें उनके जन्म से शहादत तक की पूरी कहानी बताने की कोशिश की गई है।

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