मामला इंदौर के विजयनगर थाना इलाके का है। इस संबंध में थाना प्रभारी रविंद्र गुर्जर का कहना है कि, फरियादी मुकेश बड़ौतकर ने थाने आकर शिकायत दर्ज कराई थी कि, उनका बेटा आयुष बड़ौतकर सुबह करीब 7 बजे इंदौर कोचिंग जाने का बोलकर निकला था, लेकिन दोपहर 12 बजे जब उसका फोन नहीं आया तो पिता ने खुद उसे फोन लगाया। फोन पर आयुष ने रोते हुए बताया कि, शहर के रेडिसन चौराहे के पास चार-पांच लोगों ने उसे पकड़ लिया है और छुड़वाने के लिए 50 हजार रुपए मांग रहे हैं। उसने कथित अपहरणकर्ताओं द्वारा उसके साथ मारपीट करते हुए एक वीडियो बनाकर अपने पिता को भी भिजवा दिया था।
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पुलिस ने ऐसे सुलझाया केस
बेटे की बात सुनकर मुकेश हक्के-बक्के रह गए। उन्होंने तुरंत ही इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराते हुए उनके पास आया वीडियो दिखाया। इसके बाद पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और वीडियो के आधार पर जांच शुरू की। लेकिन, जांच में जो बातें सामने आईं वो हैरान कर देने वाली थीं। पुलिस को पता चला कि, छात्र आयुष ने ही अपने एक दोस्त के साथ मिलकर अपहरण की झूठी कहानी रची थी। आयुष ने पुलिस के सामने कबूल किया कि, उसे पार्टी करने के लिए पैसे चाहिए थे। इसलिए उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपने ही अपहरण की झूठी साजिश रच ली। फिलहाल, पुलिस ने छात्र आयुष और उसके दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।