फरीदा ने बताया कि 15 बाय 40 के प्लॉट पर तीन मंजिला बिङ्क्षल्डग खड़ी कर उसमें स्कूल चलाया जा रहा है। इसमें छात्रो के लिए खेल मैदान से लेकर अन्य कोई सुविधा नहीं है। पिछले दिनों एक छात्र सीढिय़ां चढ़ते हुए गिर गया था। उसके हाथ में फ्रेक्चर तक हो गया था। यहां पर आए दिन इस प्रकार की घटनाएं होती रहती हैं।
फरीदा ने बताया कि एक बेटा 10 वीं में है। स्कूल संचालक ने ही उसका एडमिशन अन्य स्कूल में कराया है। फीस तक वे ही लेते हैं, जबकि उनका स्कूल तो आठवीं तक है। इसके बाद भी वे 9वीं, 10 वीं में छात्रों का एडमिशन कराते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल संचालक ने हमने वादा किया था कि बच्चों की सभी किताब लोगे तो फीस कम कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं। बस्ता, यूनिफॉर्म नि:शुल्क देने का वादा कर उनका भी शुल्क वसूला जा रहा है।