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इसके लिए उद्योग विभाग को रतलाम के समीप करीब 3500 एकड़ जमीन मिल गई है। मंदसौर व नीमच में भी 500 से 600 एकड़ जमीनों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। रूपरेखा बनाने के बाद निवेशकों की तलाश शुरू की जाएगी। सरकार का जोर मल्टी प्रोडक्ट औद्योगिक क्षेत्र पर रहेगा। केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू कर दिया है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मप्र, गुजरात व महाराष्ट्र से गुजरने वाली इस सड़क से दिल्ली से मुबंई की दूरी को 12 घंटे में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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यह एक्सप्रेस वे मध्यप्रदेश में रतलाम, मंदसौर और नीमच के पास से गुजरेगा। मुख्य क्रॉसिंग मंदसौर जिले के गरोठ के समीप रहेगी। प्रमुख सचिव उद्योग संजय शुक्ला दो दिनों से इंदौर-उज्जैन संभाग के जिलों में औद्योगिक विकास की संभावनाएं देख रहे हैं। इस दौरान रतलाम, मंदसौर, नीमच व धार में तैयारियों की समीक्षा भी की। उन्होंने बताया, क्षेत्रीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में विकास की संभावनाएं तलाश रही है।
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रतलाम में सबसे अधिक जमीन
सबसे बड़ा इलाका रतलाम में विकसित किया जा रहा है। यहां करीब 3500 एकड़ जमीन उद्योग विभाग को दी जा रही है। यहां पर पीथमपुर की तरह मल्टी प्रोडक्ट एरिया व लॉजिस्टिक हब विकसित किया जाएगा। फूड प्रोसेसिंग, टैक्सटाइल व फार्मा के निवेशकों को बुलाएंगे। वहीं मंदसौर में करीब 350 एकड़ जमीन तलाशी गई है। इसी तरह नीमच में भी इतनी जमीन की तैयारी है।
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यह होगा फायदा
यह इन्वेस्टमेंट रीजन दोनों महानगरों के बीच में होगा। दोनों ओर पहुंचने में आसानी होगी। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को अच्छा फायदा मिल सकता है। इसके अलावा लॉजिस्टिक जोन भी बना सकते हैं। मालवा—निमाड का यह क्षेत्र प्रदेश भर में पहले से ही तीव्र औद्योगिक विकास के रूप में पहचाना जाता रहा है। मुंबई—दिल्ली के बीच इस प्रस्तावित के बन जाने से प्रदेश भर के बेरोजगारों को अच्छी नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।