आपको बता दें कि आहू निवासी गर्भवती रानू बाई पति आलोक का खेत है। आरोपियों ने रानू बाई से मारपीट की। रानू बाई ने बताया कि मैं और मेरे पति खेत पर काम कर रहे थे तब आरोपियों ने हमसे मारपीट की। इसके बाद डायल 100 बुलाई गई थी। मारपीट के बाद मेरे गर्भस्थ बच्चे की मौत हो गई।
आलोक बोरदिया और रानू बाई 5 नवंबर को रात 8 बजे अपने खेत पर रात्रि में पानी फेर रहे थे। उक्त मारपीट की घटना के बाद प्रकरण अगले दिन दर्ज किया गया। रानू बाई ने बताया कि रात्रि में खेत में काम करने के दौरान आरोपी मेरे खेत पर लगे लोहे के एंगल निकालने लगे। इसका विरोध करने पर मुझसे व मेरे पति से मारपीट की जाने लगी। इसी बीच आरोपी गणों ने मुझे पेट पर लात मार दी, इस कारण मुझे तेजी से दर्द होने लगा। जिसकी जानकारी मैंने तिरला थाने पर की थी, लेकिन मेरे बयान के बावजूद मेरी रिपोर्ट मैं यह उल्लेखित नहीं किया गया और 2 दिन इलाज के बाद मेरी सोनोग्राफी की गई, जिसमें मुझे यह बताया गया कि मेरे पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो गई है। पुलिस को लगातार शिकायत करने के बावजूद भी पुलिस ने उक्त प्रकरण में यह उल्लेेखित नहीं किया कि महिला से मारपीट की गई और न ही समय रहते उक्त महिला का मेडिकल कराया गया।