हर बार सरकार रजिस्ट्री के लिए अप्रेल में नई गाइड लाइन जारी करती है। संपत्ति की नई गाइड लाइन को लेकर रजिस्ट्रार विभाग जनवरी से ही कसरत शुरू कर देता है लेकिन इस बार अभी तक इसकी कवायद शुरु नहीं हुई है। चर्चा है कि प्रशासन की खामोशी बता रही है कि संपत्ति की कीमत में बढ़ोतरी की संभावनाएं कम है।
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नई गाइड लाइन पर नो वर्क की स्थिति है। सरकार ने दो माह पहले ही इसके लिए पत्र लिखा था लेकिन अब तक सर्वे ही शुरू नहीं हुआ। अधिकारियों केे अनुसार अब तक सब रजिस्ट्रार अपने क्षेत्र की रिपोर्ट बनाकर उप मूल्यांकन समिति को सौंपना शुरू कर देते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इंदौर में ये प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। हालांकि पिछले साल ही महानगर के 779 क्षेत्र में गाइड लाइन बढ़ाई गई थी।
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अप्रैल में नया वित्त वर्ष शुरू होता है, जिसका रजिस्ट्रार विभाग संपत्ति का फिर से मूल्यांकन करता है। जिस इलाके की कीमत अधिक होती है, वहां की गाइड लाइन बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया जाता है। ये प्रक्रिया जनवरी से शुरू हो जाती है।
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हालांकि नई गाइड लाइन को लेकर इंदौर रजिस्ट्रार कार्यालय को पत्र आया है। भोपाल से ये पत्र जनवरी में ही आ गया था लेकिन अब तक नई गाइड लाइन को लेकर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। अधिकारी बताते हैं कि इस समय तक उप पंजीयकों द्वारा अपने क्षेत्र की संपत्तियों को लेकर प्रस्ताव देना शुरू कर दिया जाता है लेकिन इस बार प्रस्ताव नहीं आए हैं।
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बताया जा रहा है कि इस बार गाइड लाइन बढ़ाए जाने की संभावनाएं कम हैं। इसकी वजह भी बताई जा रही है। अधिकारियों और जानकारों के अनुसार लोकसभा चुनाव को देखते हुए गाइड लाइन बढ़ाने की आशंका नहीं है। वैसे शहर में पिछले वर्ष 779 संपत्ति की गाइड लाइन बढाई गई थी।