खानपान के शौकीनों के शहर इंदौर में नमकीन का बड़ा कारोबार है। यहां से देश-विदेश तक नमकीन का निर्यात होता है, लेकिन बढ़ती महंगाई का असर नमकीन पर भी पड़ा है। 5 साल में नमकीन के दाम में 100 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। इसकी बड़ी वजह तेल और पैकिंग मटेरियल महंगा होना है।
नमकीन कारोबारियों ने बताया कि वर्ष 2018 में नमकीन 160 रुपए किलो था, जो वर्ष 2022 में 260 रुपए तक पहुंच गया है। नमकीन के दाम में करीब 10 फीसदी की वृद्धि हुई है, क्योंकि तेल, प्लास्टिक, पेपर, भाड़ा सभी के दाम बढ़े हैं। कारोबारियों ने यह भी बताया कि कोरोना के कारण नमकीन कारखानों के ज्यादातर कर्मचारियों की तनख्वाह दो साल से बढ़ाई नहीं गई थी। इस साल अप्रेल में इनकी तनख्वाह में इजाफा किया गया है। इसका असर भी इस साल नमकीन के दाम पर अधिक पड़ा है।
1500 नमकीन के कारखाने
नमकीन उत्पादन के मामले में इंदौर, देश का अग्रणी केंद्र है। शहर में करीब 1500 छोटे-बड़े नमकीन के कारखाने हैं। इनसे हर साल करोड़ों रुपए का घरेलू और व्यावसायिक कारोबार होता है।
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दाम बढऩे के बाद भी बिक्री में कमी नहीं
नमकीन के दाम में भले ही लगातार वृद्धि होती रही, लेकिन बिक्री में कमी नहीं आई है। इसकी बड़ी वजह इंदौर के लोगों के खानपान का यह महत्वपूर्ण हिस्सा होना है। उधर, शहर के नमकीन की डिमांड विदेशों में भी है। विदेशों में यहां का नमकीन निर्यात होता है। वहां रहने वाले भारतीयों के साथ स्थानीय लोग को भी इंदौरी नमकीन का जायका पसंद आता है।
नमकीन कारोबारी विजय जैन ने बताया कि गाड़ी भाड़े से लेकर कर्मचारियों की तनख्वाह, तेल, प्लास्टिक, पेपर आदि कच्चे माल के दाम भी बढ़े हैं, इस कारण नमकीन के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है।