समारोह में रामगोपाल दास ने सबसे पहले भगवान टीकम महाराज और श्रीगणेश पूजन व गादी पूजन किया। रामगोपाल दास को आचार्य पंडितों के वेद मंत्रों के बीच दिगंबर अनी के महंत वैष्णव दास, निर्मोही के महंत राजेंद्र दास, निर्वाणी के महंत मुरली दास, टीला द्वाराचार्य के मंगल पीठाधीश्वर माधवाचार्य, मलूक पीठाधीश्वर डॉ. राजेंद्र दास देवाचार्य, दिगंबर अखाड़े के महामंत्री बलराम दास सहित दिगंबर अनी, निर्मोही, निर्वाणी अखाड़े के पदाधिकारी साधु संतों ने तिलक लगाकर गद्दी पर बैठाया। रामगोपाल दास को फूल माला पहना व चादर ओढ़ाकर श्री राम मंदिर पंचकुइया आश्रम का पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर बनाते हुए पट्टाभिषेक किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर सहित संत-महंत भी शामिल हुए।
गौसेवा और संत सेवा हमेशा जारी रहेगी
पंचकुइयां के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज ने कहा कि साकेत वासी महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास के पद चिन्हों पर चलूंगा। उनके द्वारा जारी सेवा प्रकल्प गौसेवा और संत सेवा हमेशा जारी रहेगी। पूरे संत समाज ने जो मुझ पर विश्वास जताया उस पर पूरा खरा उतरूंगा।