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इंदौर

पुलिस की ‘दोस्ती’ का नजारा- रिमांड पर चल रहे एडवाइजरी कंपनी के मालिक की हो रही ऐसी खातिरदारी

विजय नगर थाने में पूरे समय सक्रिय रहा भाई, पुलिस को पता ही नहीं चला, फोन पर बात करने की भी दी जा रही छूट

इंदौरAug 14, 2019 / 12:01 pm

रीना शर्मा

indore
इंदौर. धोखाधड़ी मामले में रिमांड पर चल रहे एडवाइजरी कंपनी मालिक को थाने में भी पुलिसकर्मी सुविधा देते रहे। उसका भाई पूरे समय थाना परिसर में घूमता रहा। बीच-बीच में आकर पुलिसवालों के सामने ही फोन पर बात भी करवाता। कंपनी मालिक के मोबाइल की जांच की जाए तो थाने के कई पुलिसकर्मियों की साठगांठ सामने आ सकती है।
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एसआईटी की टीम ने विजयनगर इलाके में पीयू 4 बिल्ंिडग में संचालित वेज २ कैपिटल कंपनी पर छापा मारा था। कंपनी मालिक निशांत चतुर्वेदी, आशीष यादव, अनुज व्यास, रवि गौर, अक्षय वर्मा को गिरफ्तार किया था। निशांत को पुलिस ने रिमांड पर लिया था। उसकी कंपनी के दस्तावेज, कम्प्यूटर, हॉर्ड जब्त की थी। निशांत की विजयनगर थाने पर कुछ पुलिसकर्मियों से सांठगांठ थी।
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सांठगाठ के चलते रिमांड पर निशांत की खातिरदारी चलती रही। रिमांड अवधि में निशांत का भाई लगभग पूरे समय ही थाने के बाहर रहा। अधिकतर समय वह थाना परिसर में जमा रहा। बाद में पास के एक रेस्टोरेंट पर जाकर बैठ जाता। पुलिस उसे रिमांड पर कही लेकर जाती तो वह भी अपनी गाड़ी से पहुंच जाता।
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थाने के अंदर भी वह निशांत से मिलने के लिए बेरोकटोक आता जाता रहा। इस दौरान कई बार उसने निशांत को मोबाइल दिया, काफी देर तक वह बात करता रहा। पुलिसकर्मियों के सामने ही यह सब चलता रहा। जांचकर्ता एसआई बीएल कुमरावत व अन्य पुलिसकर्मी भी सब नजारा देखते रहे।
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इस तरह से रिमांड पर आरोपी की खातिरदारी कई सवाल पैदा कर रही है। गौरतबल है कि निशांत पहले दो कंपनियां बंद कर चुका है। एक कंपनी को सेबी ने ब्लैक लिस्ट कर दिया था। वहीं दूसरी कंपनी की ज्यादा शिकायतें होने पर उसने नई कंपनी शुरू कर ली थी। लोगो को दोगुने मुनाफे का झांसा देकर लाखों रुपए की धोखाधड़ी की गई। इतना ही नहीं निशांत के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने वालों को बाउंसरों की मदद से दबाव बनाकर समझौता करने का आरोप भी है।

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