इंदौर. त्योहारों के मौके पर पत्रिका ने जरूरतमंदों की मदद के लिए नेकी की दीवार खड़ी की। इस दीवार पर लोग आकर अपने घरों के अतिरिक्त सामान को रखकर जा रहे हैं। दीवार का मकसद जरूरतमंदों की मदद करना है। बुधवार को तैयार की गई इस नेकी की दीवार को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। पत्रिका द्वारा थैलेसीमिया एंड चाइल्ड वेलफेयर ग्रुप के साथ मिलकर भंवरकुआं स्थित आरआर फ्यूल्स पेट्रोल पंप पर नेकी की दीवार तैयार की गई है, जहां आप जो चाहे दान कर सकते हैं। कोई भी व्यक्ति आवश्यकतानुसार यहां से सामान उठा सकता है। यह भी पढ़ें: आईटी पार्क में 200 सीट का इनक्यूबेशन सेंटर, कंपनियों ने दिखाई रुचि यह सामग्री दे सकते हैं: नए-पुराने कपड़े, चप्पल-जूते, कॉपी-किताब, स्कूल बैग, भोजन, खिलौने सहित अन्य दैनिक जरूरत की वस्तुएं इस दीवार पर छोड़ सकते हैं। यह सामग्री गरीब या जरूरतमंद लोग यहां से बेहिचक ले जा सकते हैं। यह भी पढ़ें:- पुलिस के खिलाफ धार बंद, गंधवानी में एसडीएम पर गुस्सा कई घरों में अतिरिक्त सामान होता है, लेकिन वो हमारी जरूरत का नहीं होता। एेसे में किसी जरूरतमंद के लिए यह फायदेमंद हो सकता है। -पुष्पलता कंसल मेरे पास कई कपडे़ हैं जो परिवार के सदस्य नहीं पहनते या छोटे हो गए हैं। एेसे कपड़ों को आज मैंने यहां रखा है। एेसा करना अच्छा लगता है। -चंदा शर्मा नाम से ही जाहिर है कि यह नेकी की दीवार है, लेकिन ये दीवार बांटने के लिए नहीं बल्कि जोडऩे के लिए खड़ी है। पत्रिका की पहल सराहनीय है। -प्रभा तिवारी हमारे पास किसी के लिए अतिरिक्त सामान है तो हमेंं देना चाहिए। गरीबों की जरूरत पूरी करने में लोगों को इसी तरह आगे आना चाहिए। -आशा जाखड़ पत्रिका की इस पहल की मैं तहेदिल से तारीफ करती हूं। लोग दान करते रहे हैं, लेकिन यहां से जिसे जरूरत हो वह सामान ले भी जाए, यह अच्छा है। -नीलम जाट मैं कुछ सामान यहां रख रही हूं, इस उम्मीद के साथ कि जिसे जरूरत होगी, ले जाएगा। पत्रिका और थैलेसीमिया सोसाइटी को धन्यवाद। -फिरदौस नाहिद मैं सामान लेकर आ रही थी तो घर में बच्चे खुश हुए कि यह सामान अब किसी जरूरतमंद के काम आएगा। एेसा करने से हमें खुशी मिली है। -पूर्णिमा राउत हम आगे भी यहां आकर जरूरतमंदों के लिए सामान रखेंगे। पत्रिका की पहल प्रशंसनीय है। नेकी की दीवार इसी तरह खड़ी रहना चाहिए। -रेखा जैन पत्रिका के साथ मिलकर समाज की मदद करने में अच्छा लगता है। एेसी दीवार शहर के हर हिस्से में जरूरी है। -रजनी भंडारी, समाजसेवी कई लोग हैं, जिन्हें आज इन कपड़ों या अन्य सामान की जरूरत है। पत्रिका की यह अच्छी शुरुआत है। -मयंक कुमार, मैनेजर आरआर फ्यूल पम्प कामकाजी महिला होने के नाते समाज को करीब से देखा है। लोगों की जरूरतों को समझती हूं। पत्रिका के प्रयासों को धन्यवाद। -सुनीता लड्ढा