3 डॉक्टर्स से स्पष्टीकरण तलब किया है जबकि एक नर्स को सस्पेंड किया
इंदौर. एमपी की व्यवसायिक राजधानी इंदौर में महाराज तुकोजीराव होलकर अस्पताल यानि MTH में कई बच्चों की मौत हुई है। आरोप है कि खराब दूध पिलाने के कारण यहां रोज कई बच्चों की मौत हो रही है। परिजनों का डॉक्टरों पर भी लापरवाही करने का आरोप है। इधर मैनेजमेंट का कहना है कि इलाज में कोई कमी नहीं है, बच्चों की मौतें सामान्य है। हालांकि हंगामा मचने के बाद मैनेजमेंट ने 3 डॉक्टर्स से स्पष्टीकरण तलब किया है जबकि एक नर्स को सस्पेंड किया है।
MTH अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत होने पर गुरुवार को खासा हंगामा मचा। परिजनों के आरोप और सोशल मीडिया में मैसेजेस आने के बाद अधिकारियों ने सफाई दी कि अलग अलग कारणों से दो बच्चों की मौत हुई।अस्पताल प्रबंधन का यह भी कहना है कि यहां सामान्य कारणों से रोज 1 या 2 बच्चों की मौत होती। इसके बाद मामला कुछ शांत हुआ लेकिन देर शाम फिर बवाल हो गया। अस्पताल ने एक परिजन को दूसरे बच्चे का शव सौंप दिया जिससे दोबारा हंगामा शुरू हो गया।
दरअसल, एक नवजात के परिजन कार्रवाई पर अड़ गए तो इसके लिए नवजात का पोस्टमॉर्टम करवाने की बात कही गई। इसके बाद परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया तो उन्हें नवजात का शव सौंप दिया। अस्पताल में उन्हें दूसरे बच्चे का शव दे दिया और वे चले भी गए। बाद में गल्ती पता चली तो उन्हें फोन कर बुलाया गया।
तेज पानी के बीच फिर से अस्पताल पहुंचे परिजनों ने इस बात पर जमकर हंगामा किया। रोते-बिलखते परिजनों ने कहा कि शुरू से ही इस पूरे मामले को दबाया जा रहा है। इसके बाद अस्पताल के तीन डॉक्टरों और एक नर्स पर गाज गिर गई। तीनों डॉक्टरों को नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित के अनुसार डॉ. प्रीति मालपानी, डॉ. सुनील आर्य और डॉ. नीलेश दलाल पर कार्रवाई के लिए शोकाज नोटिस दिए हैं जबकि नर्स मुस्कान राठौर को सस्पेंड कर दिया गया है।
कलेक्टर— कमिश्नर भी पहुंचे अस्पताल गुरुवार को हंगामा होने के बाद कलेक्टर और कमिश्नर भी अस्पताल पहुंचे। प्रारंभिक जांच के बाद दो नवजात की मौत की बात सामने आई। MTH में इस माह यानि जुलाई में शुुरुआती 6 दिनों में 20 बच्चों की मौतें हुई हैं। पिछले महीने यानि जून में कुल 55 बच्चों की जान चली गई थी।
मामले में कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए। हॉस्पिटल का रिकॉर्ड सील करके जांच करने की भी मांग की। इधर अस्पताल की एसएनसीयू यूनिट प्रभारी और एसोसिएट प्रोफेसर सुनील आर्य के अनुसार ने बताया कि यहां कई बच्चों को क्रिटिकल कंडीशन में लाया जाता है। ऐसे में बच्चों की नेचुरल डेथ होना अस्पताल में आम बात है।
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