नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने वर्ष 2021 के अपराधों की रिपोर्ट जारी की है। इसमें अपराध के मामले में इंदौर कई महानगरों से आगे है। ब्यूरो ने कुछ मामलों में आइपीसी की धारा के केस लिए हैं तो कुछ में पुलिस हस्तक्षेप योग्य अपराधों (एसएसएल) को भी शामिल किया है। जो रिपोर्ट जारी की गई है। उसके मुताबिक, इंदौर में साल 2020 में कुल 13,406 आइपीसी के केस दर्ज हुए थे, जो 2021 में बढ़कर 20,021 हो गए। यानी 16.3 फीसदी अधिक हैं। ब्यूरो ने अपराध की समीक्षा में देश के 19 महानगरों को शामिल किया है, जिसमें अपहरण, बलात्कार व बच्चों पर होने वाले अपराध में इंदौर देश में चौथे नंबर पर है।
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लापरवाही से मौतें भी ज्यादा
ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में एक्सीडेंट में लापरवाही और गलती से होने वाली मौतों के आंकड़े भी जारी किए हैं। इस श्रेणी में सबसे ज्यादा मौतें दिल्ली सिटी में 1,233 हुई है। इसके बाद चेन्नई में 998, बेंगलूरु में 675, जयपुर में 527, हैदराबाद में 290 और इंदौर में 272 मौतें हुई है। यानी इंदौर देश में छठवें नंबर पर है।
देश के बड़े शहरों के में इंदौर
इंदौर में कुल अपराध नागपुर (13,312), लखनऊ (14,715), कोलकाता (13,076), गाजियाबाद (12,259) से ज्यादा हैं। वहीं मप्र में चार्जशीट पेश करने की दर 84 फीसदी है, जो देश में दूसरे नंबर पर है।
देश में चौथे पायदान पर एमपी
देशभर में एक साल में हुए कुल अपराधों में मप्र एक पायदान चढ़कर चौथे पायदान पर पहुंच गया है। एनसीआरबी की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक मप्र में इस साल 3,04,066 अपराध दर्ज किए गए। इनमें से 10% यानी 30,673 अपराध महिलाओं के खिलाफ हुए। 2020 में यहां 2,83,881 अपराध हुए थे। नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीड़न के मामले में मप्र पहले नंबर पर है। एक साल में यहां 3515 बच्चियां यौन उत्पीड़न का शिकार हुईं। वहीं बलात्कार के मामले में मप्र दूसरे नंबर पर है। यहां एक साल में 6459 केस दर्ज हुए।
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