बायोडेटा देने वालों की भाजपा में भीड़ लगी हुई है। दीनदयाल भवन में उसका आंकड़ा कल तीन हजार के पार हो गया था। रात 11 बजे तक कार्यकर्ताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी था। यही स्थिति हर विधान सभा में विधायक व प्रत्याशियों की भी है लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कुछ ओर ही है। प्रदेश संगठन से आए निर्देश के बाद सभी विधाानसभाओं से तीन-तीन नाम की पैनल तैयार करने को कहा गया है। ये काम एक विधानसभा को छोड़कर सभी जगहों पर पूरा हो चुका है। विधानसभा प्रभारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इसके अलावा सांसद शंकर लालवानी ने भी विधानसभावार सूची तैयार कर रखी है तो नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे व प्रभारी तेजबहादुर सिंह ने नगर पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष के अलावा उनके पास आए बायोडेटा के हिसाब से भी सूची बनाई है। प्रदेश से आए निर्देश के हिसाब से अब सभी विधायक या वहां के जवाबदारों के साथ कोर कमेटी की वन टू वन बैठक होने जा रही है। हर विधानसभा के लिए अलग- अलग बैठेंगे। उसमें एक- एक वार्ड को लेकर नाम पर चर्चा की जाएगी। विधायक द्वारा पेश की गई पैनल पर बाकी कोर कमेटी मंथन करेंगीं। कहीं पर नाम जोडऩा-घटाना होगा तो वह हाथोहाथ कर दिया जाएगा।
क्रम का होगा महत्व
प्रदेश संगठन ने साफ कहा है कि जिला कोर कमेटी की पैनल में क्रम का विशेष ध्यान रखा जाए। सबसे मजबूत प्रत्याशी का नाम पहले नंबर पर रहेगा। उसके बाद उसी क्रम में अन्य दो दावेदारों का नाम लिखा जाएगा। पहले नंबर का प्रत्याशी क्यों है, यह कारण भी बताना होगा ? उसमें जातिगत समीकरण से लेकर क्षेत्र में उसकी पकड़ व अन्य सारी बातों को फोकस करना होगा।
अन्य संगठनों से भी आए नाम
भाजपा में टिकट लेने के लिए होड़ मची हुई है। संघ के साथ उसके अनुषांगिक संगठनों से भी कई नाम आए हैं। उन नामों को भी विधायक के साथ होने वाली बैठक में रखा जाएगा। एक-एक करके सभी पर चर्चा की जाएगी। इससे ये जरूरी नहीं है कि विधायकों की पसंद से टिकट होगा। उसमें अन्य संगठन, सांसद व अच्छा काम करने वालों की चिंता भाजपा का संगठन भी करेगा।