मामला
इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। माता-पिता ने मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। फिलहाल हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद माता-पिता के खिलाफ शुरू किए गए ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी है।
25 अक्टूबर 2021 को बच्चे पहुंचे थाने
मामले में अधिवक्ता धर्मेन्द्र चौधरी का कहना है कि हाई कोर्ट (High Court) में दायर की गई याचिका में बताया गया है कि 25 अक्टूबर 2021 को बच्चे थाने पहुंचे थे। यहां 21 साल की बेटी और 8 साल के बेटे ने माता-पिता द्वारा मोबाइल और टीवी चलाने पर रोज-रोज डांटने की बात बताई। पुलिस ने मामले में पेरेंट्स के खिलाफ जुवेनाइल एक्ट के तहत केस दर्ज किया।
पेरेंट्स बोले कई लोग बच्चों की आदत से परेशान
बच्चों ने पुलिस को बताया कि माता-पिता कई बार उनसे मारपीट भी करते हैं। FIR दर्ज कराने के बाद से ही दोनों बच्चे बुआ के साथ रह रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिता और उनकी बहन के बीच पहले से ही विवाद चल रहा है। जानकारी के मुताबिक FIR दर्ज होने से पहले ही माता-पिता पुलिस से कई बार कह चुके थे कि टीवी-मोबाइल चलाने की बच्चों में लत से हर कोई परेशान है। बच्चों को डांटना सामान्य है।
इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया केस
धारा 342: किसी को भी बंधक बनाना इस धारा के तहत सादा कारावास, जिसे एक साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना, जो एक हजार रुपए तक बढ़ाया जा सकता है। या फिर जुर्माना और सजा दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है। धारा 294: भद्दी टिप्पणी करना या अश्लील बात बोलना इस धारा के तहत कारावास, इसे तीन महीने तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसमें भी सजा या जुर्माने के साथ ही दोनों तरह से दंडित किए जाने का प्रावधान है।
धारा 323: पुरुष किसी महिला को व्याभिचार की धमकी देता है इस धारा के तहत 7 साल तक का कारावास या जुर्माने कि सजा हो सकती है। या फिर सजा और जुर्माना दोनों से दंडित किया जा सकता है।