प्राप्त जानकारी के अनुसार जोनल अफसर धीरेंद्र बायस और असीत खरे नगर निगम की टीम के साथ जेल रोड के पास गंजी कंपाउंड स्थित एक दो मंजिला खतरनाक मकान तोडऩे पहुंचे थे। इसमें करीब पांच परिवार रह रहे थे। वैसे तो सबने मकान खाली कर दिया था, लेकिन एक किराएदार अफसरों से विवाद करने लगा। इतने में विधायक आकाश विजयवर्गीय और अफसरों से उनका विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि विधायक ने बैट उठा लिया और निगम अफसर धीरेंद्र बायस को दौड़ा-दौड़ाकर पीट दिया। उनके साथ आए कार्यकर्ताओं ने भी अफसर से मारपीट की। हंगामा होते ही क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने जैसे तैसे हालात को संभाला और निगम अफसर को घटनास्थल से ले गए। निगम अफसर एमजी रोड थाने में शिकायत के लिए पहुंच रहे हैं।
कल पंढरीनाथ पर भी हुआ था विवाद मंगलवार को पंढरीनाथ पथ पर भी नगर निगम की टीम ने खतरनाक मकान तोडऩे की कार्रवाई की। सुबह कार्यपालन यंत्री ओपी गोयल, बीआई राजेश चौहान के नेतृत्व में रिमूवल टीम ने गर्ग परिवार का मकान तोडऩे की कार्रवाई शुरू की तो हंगामा हो गया। गोयल के मुताबिक, मकान अतिखतरनाक भवनों की सूची में है। मकान में गर्ग परिवार के तीन भाइयों नरेंद्र, धर्मेंद्र व कुशल के परिवार के अलावा 2-3 किराएदार भी हैं। पहले मोहलत मांगी गई और फिर हंगामा कर दिया। महिलाओं ने अफसरों को घेरकर जमकर खरी-खोटी सुनाई। पुलिस ने हस्तक्षेप कर अफसरों को हटाया। पीडि़त पक्ष के प्रदीप का आरोप था, पहले किराएदार ने 50 हजार की रिश्वत दी तो मकान नहीं तोड़ा था। जो कमी बताई थी उसे हमने रिपेयर भी करवा लिया था, लेकिन अब अचानक तोड़ दिया। परिवार के लोग निगम टीम के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने पंढरीनाथ थाने भी गए, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। इधर, गोयल का कहना था कि परिवार मोहलत चाहता था। मोहलत नहीं मिलने पर झूठे आरोप लगाने लगे। रिश्वत लेने की बात गलत है।