मध्यप्रदेश के गृहमंत्री और इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में आक्सीजन से हुई मौतों की बात मानी. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर हुए कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. यहां वृक्षों का महत्व बताते हुए मिश्रा ने कहा— क्या कोई सोच सकता है कि ऑक्सीजन की वजह से भी लोग मर सकते हैं… लेकिन मरे…।
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शिक्षा विभाग द्वारा इंदौर के मल्हाराश्रम स्कूल में वृहद पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस अभियान का शुभारंभ करते हुए अपने उदबोधन में वृक्षों का महत्व बताते हुए अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना काल में ऑक्सीजन की भयंकर कमी और इस वजह से हुई लोगों की मौतें— दोनों बातें स्वीकार लीं।
उन्होंने साफ कहा— अभी हमने देखा कि लोगों को जिंदा रखने के लिए ऑक्सीजन प्लेन से, ट्रकों से आ रही है…। …कोई कल्पना कर सकता है कि ऑक्सीजन की वजह से भी लोग मर सकते हैं लेकिन मरे। .. खुली हवा से जो सांस ले रहे हैं वही ऑक्सीजन कहलाती है। हमने वृक्षों के महत्व को नहीं समझा।
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मिश्रा के ऑक्सीजन की कमी से मौतों की इस स्वीकारोक्ति से केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार घिर सकती हैं. भाजपा सरकारें कोरोना में ऑक्सीजन की कमी से मरीज की मौतों को पूरी तरह नकार चुकी हैं. केंद्र और प्रदेश सरकार ने तो कहा है कि एक भी कोरोना मरीज की ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई। ऐसे में मिश्रा का यह बयान विपक्षियों को हमलावर बना सकता है.