स्टेशन का बाहरी हिस्सा डॉ. अंबेडकर जन्मस्थली की प्रतिकृति के रूप में बनाया जाएगा। साथ ही २४ कोच लंबाई के २ ब्राडगेज लाइन प्लेटफार्म बनाए जाएंगे। इसके साथ ही महिला प्रतीक्षा क्षेत्र व वीआईपी प्रतीक्षा क्षेत्र बनाया जाना प्रस्तावित है। उक्त स्टेशन को लेकर किए जाने वाले विकास कार्यों का लोकार्पण हाल ही २७ सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष व सांसद सुमित्रा महाजन द्वारा किया गया था। इसके बाद ही महू स्टेशन पर काम शुरू करने को लेकर रेलवे की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है।
महू को मुख्य स्टेशन बनाने के पीछे मुख्य कारण जगह है। इंदौर स्टेशन पर दोनों ओर ब्रिज होने से यहां प्लेटफॉर्म नहीं बढ़ाए जा सकते, जबकि महू स्टेशन का विकास भविष्य के ट्रैफिक के अनुसार किया जा सकता है। पश्चिम रेलवे के जीएम एके गुप्ता खुद महू स्टेशन को सैटेलाइट स्टेशन बनाने की घोषणा कर चुके हैं।
महू स्टेशन के विकास के लिए पर्याप्त जगह है। आने वाले पांच सालों में इंदौर-दाहोद, इंदौर-छोटा उदयपुर, महू-खंडवा, इंदौर-मनमाड़ लाइन का काम पूरा हो जाएगा, तब महू स्टेशन का उपयोग इंदौर से ज्यादा होने लगेगा। इसके साथ राऊ स्टेशन जंक्शन बन जाएगा। हर ओर से आने वाली ट्रेनें यहीं से रवाना होंगी।
फिलहाल महू स्टेशन पर तीन ब्रॉडगेज पिट लाइन और कोचिंग डिपो बनकर तैयार हो चुके हैं। जहां हर दिन 18 ब्रॉडगेज ट्रेनों का मेंटेनेंस किया जा सकेगा। इसके साथ ही दो ब्रॉडगेज लाइन भी तैयार हो चुकी हैं। कुछ महीनों में मीटरगेज लाइन को हटाकर ब्रॉडगेज लाइन बनना शुरू हो जाएगी। ट्रैफिक के लिहाज से यहां तीन नए ब्रॉडगेज प्लेटफॉर्म बनाने के लिए भी जगह उपलब्ध है।
महू के सैटेलाइट स्टेशन बनने के बाद यहां इंदौर स्टेशन की तर्ज पर सभी सुविधाएं मिलेंगी। इंदौर का दायरा बढऩे से पूर्व की आधी आबादी इंदौर न जाकर सीधे महू जाएगी। जितेंद्र कुमार जयंत, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, रेलवे