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इंदौर

गंदे पानी को फिर उपयोग लायक बनाया, इसलिए देश में इंदौर नम्बर 1

रंग लाई पत्रिका की कान्ह शुद्धिकरण की पहल। वाटर प्लस में दिल्‍ली और सूरत को पछाड़कर इंदौर देश में अव्वल,सबसे स्वच्छ शहर के नाम एक और उपलब्धि।

इंदौरAug 12, 2021 / 12:33 pm

Hitendra Sharma

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इंदौर. स्वच्छता में देश के नम्बर वन शहर इंदौर ने ‘वाटर प्लस’ भी हासिल कर लिया है। इंदौर ने सूरत और दिल्‍ली को पछाड़ते हुए यह तमगा हासिल किया है। इसके बाद स्वच्छता में इंदौर की सेवन स्टार रेटिंग तय मानी जा रही है। 11 पैरामीटर पर 1800 में से 700 नंबर वाटर प्लस के हैं। जुलाई में हुए बाटर प्लस सर्वे का परिणाम बुधवार को शहरी विकास मंत्रालय ने जारी किया।

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नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि नदी-नालों में मिले वाले ब्लेक और ग्रे-वाटर को ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाया गया। इसे 3० फीसदी तक साफ किया और इस पानी का इस्तेमाल उद्यानों, फव्वारों और शौचालयों की सफाई आदि में किया। किसानों को भी रीयूज पानी उपलब्ध कराया है।

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ऐसी थी तस्वीर
कान्‍ह-सरस्वती नदी और सहित 25 नालों में 205 एमएलडी जलमल सीवरेज बहता था। नदियों में 433 बड़े नालों में 1313 और छोटे नालें में 5242 जलमल सीवरेज के आउटफॉल थे। इसके साथ ही 5500 घरों का जलमल सीकरेज बिना किसी ट्रीटमेंट के नदी-नालों में छोड़ा जाता था। दम तोड़ दुकी कानह नदी को कई प्रयासों के बाद पुनर्जीवित किया गया। दोनों किनारों का सौंदर्यीकरण भी किया गया है। कान्ह और सरस्वती नदी पर होने वाले कब्जों को रोकने के लिए पत्रिका ने जाग्रत किया। आज राहर की इस नई उपलब्धि पर प्रबुद्ध जनों ने पत्रिका को अभियान के लिए धन्यवाद किया।

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अव्वल आने के लिए यह किया
– 2 साल में 7 डिसेन्ट्रलाइज्ड एसटीपी और 360 किमी की नई सीवर लाइन डाली।
– 7 हजार रहवासियों ने निजी खर्च से अपने आउटफॉल को सीवर लाइन से जोड़ा।
– 312 एमएलडी सीवरेज रोजाना उपचारित किया जाता है।
– 306 एमएलडी उपचारित साफ पानी में से 2205 एमएलडी पानी को कान्ह व सरस्वती नदी में छोड़ा जाता है।
– 101 एमएलडी पानी का पुनः उपयोग विभिन्न जगह किया गया।
– 400 किसानों के साथ एमओयू कर उपचारित पानी खेती के लिए उपयोग किया।
– जन सुविधाएं व 99.98% घरों के शैचालय सीवरेज नेटवर्क से जुड़े। शेष में सोकपिट, सेप्टिक टैंक या टिवन पिट की सुविधा।

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पत्रिका महाअभियान उम्मीदों की खान
इंदौर की नदी को जिंदा करने की आवाज 8फरवरी 2012 को पत्रिका ने उठाई। इसी दिन से ‘उम्मीदों की खान’ महाअभियान शुरू किया। जनता जुटी और गदगी से अटे पड़े घाटों को साफ़ करने का सिलसिला शुरू हुआ। सतत 9 साल तक सम्राचार अभियान चलाने के बाद अबनदी की तस्वीर में बदलाव दर्ज किया गया है।

भोपाल भी स्पर्धा में
भोपाल भी वाटर प्लस स्पर्धा में है। इसका रिजल्ट आना बाकी है। निगम के अपर आयुक्त एमपी सिह ने कहा कि यहां के भी परिणाम बेहतर होंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इतिहास रचने के लिए इंदौर वासियों को बधाई। आपकी कार्यशैली और अनुशासन पर प्रदेश को गर्व है।

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