खजराना गणेश मंदिर का खजाना खुला, दान पेटी ने उगले 2000 के नोट और डॉलर, सोने-चांदी के आभूषणों का लगा अंबार
Khajrana Ganesh Temple Donation : खजराना गणेश मंदिर की दान पेटियां खोलकर दान की गणना की जा रही है। बीते दो दिन से दान की गणना चल रही है। जबकि, गणना करने वाली टीम की माने तो चंदे की गिनती करने में उन्हें एक सप्ताह का समय लग सकता है।
Khajrana Ganesh Temple Donation :मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर की दान पेटियां खोलकर मंदिर को मिले दान की गणना की जा रही है। खास बात ये है कि बीते दो दिन से दान गणना की प्रक्रिया जारी है, जिसमें अबतक 86 लाख रुपए नकद राशि गिनी जा चुकी है, जो सिर्फ बड़े नोटों में हैं। वहीं, छोटे नोटों के सिर्फ बंडल बनाकर रखे गए हैं, उनकी संख्या बेहद अधिक है। इनकी गणना सबसे बाद में अलग से की जाएगी।
फिलहाल, बीते दो दिनों के दौरान 34 दान पेटियां खोली गई हैं, जिनके दान की गणना के बाद ही आगे की पेटियां खोली जाएंगी। बता दें कि, मंदिर में कुल दानपेटियों की संख्या 46 है। दान की गिनती करने वाली प्रशासनिक टीम का मानना है कि सभी 46 दान पेटियों से निकलने वाले दान की गणना करने में लगभग हफ्तेभर का समय लग सकता है। बताया जा रहा है कि दान पेटियों छोटे नोटों के साथ साथ बड़ी मात्रा में 2 हजार के नोच निकल रहे हैं। यही नहीं दान पेटियों में बड़ी संख्या में डॉलर भी हैं, जिनकी कुल गणना भी लाखों में जाने की संभावना है। इसके अलावा सोने-चांदी के आभूषणों के साथ साथ भारी मात्रा में अन्य कीमती सामान भी निकला है। बता दें कि इसे पहले मार्च 2024 में खजराना गणेश मंदिर में दानपेटियां खोली गई थीं।
गिनती में लगेगा एक सप्ताह
मंदिर के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि मंदिर में कुल 46 दान पेटियां हैं। इनमें से अबतक 34 पेटियां खोली जा चुकी हैं। दो दिन की गिनती में 86 लाख रुपए राशि नकद निकली है, जो बड़े नोटों के रूप में है। अभी छोटे नोटों की गिनती शुरु नहीं की गई है। पहले सभी 46 पेटियों से बड़े नोटों की गणना की जाएगी। इसके बाद छोटे नोटों और रेजगारी की गणना की जाएगी। दान पेटियों की गणना पूरी करने में हफ्तेभर का समय लग सकता है। इसके अलावा सोने चांदी के आभूषमों का वजन भी किया जाएगा, ताकि उनकी कीमत भी निकाली जा सके।
पुजारी अशोक भट्ट के अनुसार, भगवान गणेश से अपनी समस्याओं को लेकर श्रद्धालु कई तरह के पत्र भी दान पेटियों में ही डाल जाते हैं। कोई नौकरी मांगता है तो कोई शादी की कामना करता है। इसके अलावा किसी की अपनी व्यक्तिगत समस्या होती है। अभी गणेशोत्सव की तैयारियां शुरू की जा रही हैं। उस दौरान मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ आती है। यही कारण है कि उसके पहले दानपेटियों को खाली किया जा रहा है, ताकि 10 दिवसीय उत्सव के दौरान दान पेटियों में जगह बनी रहे।
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