जया किशोरी जी जिनका जन्म राजस्थान के सुजानगढ़ गॉव के एक गौड़ ब्राह्मण परिवार में १९९६ में हुआ था। जया किशोरी बचपन से ही भगवान कृष्ण की भक्त रही हैं। इनके गुरु बचपन में उन्हें राधा कहकर बुलाते थे। जया किशोरी के दादाजी और दादीजी के साथ रहने और घर में भक्ति का माहौल होने की वजह से बचपन में ही केवल 6 साल की कम उम्र में ही भगवान कृष्ण के लिए उनके मन में प्रेम जागृत हो गया था।
जया के प्रारम्भिक गुरु पं. श्री गोविन्दरामजी मिश्र ने श्रीकृष्ण के प्रति इनके प्रेम को देखते हुए इन्हें ‘किशोरीजी’ की उपाधि आशीर्वाद के रूप में दी। लेकिन ज्यादा दिनों तक हमको उनका सानिध्य प्राप्त नहीं हो सका।
जया किशोरी के भजनों का बाकायदा एक एप भी है। जिसका नाम जया किशोरी रेडियो है। इसके जरिए सीधे उनके फैन पेज और वेबसाइट तक पहुंचा जा सकता है। वैसे उनके घर का नाम जया शर्मा था। गुरुजी बचपन में राधा कहते थे। भक्तों ने किशोरी नाम दे दिया। वे जब से कार्यक्रम करने लगीं तो सभी साध्वी जया किशोरी कहने लगे।
जया की कथाओं से आने वाली दान की राशि को नारायण सेवा ट्रस्ट, उदयपुर राजस्थान को दान करते हैं। इस दान से विकलांगों की मदद की जाती है।