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इंदौर

21 साल की साध्वी रोज जाती है कॉलेज, प्रवचन सुनने के लिए उमड़ती है लाखों की भीड़

राजस्थान के चूरू जिले की रहने वाली जया किशोरी धार के कलमखेड़ी (इंदौर रोड) में भागवत कथा का वाचन करने वाली हैं।

इंदौरJan 12, 2018 / 12:13 pm

अर्जुन रिछारिया

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धार/इंदौर. राजस्थान के चूरू जिले की रहने वाली जया किशोरी धार के कलमखेड़ी (इंदौर रोड) में भागवत कथा का वाचन करने वाली हैं। 9 से 15 फरवरी तक होने वाली इस कथा के लिए 12 बीघा खेत में लगभग तीन लाख वर्गफीट में पंडाल बन रहा है। पंडाल में करीब 2 लाख श्रद्धालु एक साथ बैठकर कथा का आनंद ले सकें ऐसी तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं।
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कथा के आयोजक कमलसिंह निक्कम ने बताया कि भागवत कथा का वाचन वृंदावन की कथावाचक जयाकिशोरी करने वाली हैं। इंदौर जिले के धार में यह उनकी यह पहली कथा होगी। कमलसिंह निक्कम परिवार की और से कथा का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही व्यवस्था में श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग, पेयजल सहित अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रख कर की ज रही हैं। यही नहीं इस आयोजन का सीधा प्रसारण संस्कार न्यूज चैनल पर भी होगा।
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आइए जानते हैं जया किशोरी कर खासियत के बारे में
जया किशोरी जी जिनका जन्म राजस्थान के सुजानगढ़ गॉव के एक गौड़ ब्राह्मण परिवार में १९९६ में हुआ था। जया किशोरी बचपन से ही भगवान कृष्ण की भक्त रही हैं। इनके गुरु बचपन में उन्हें राधा कहकर बुलाते थे। जया किशोरी के दादाजी और दादीजी के साथ रहने और घर में भक्ति का माहौल होने की वजह से बचपन में ही केवल 6 साल की कम उम्र में ही भगवान कृष्ण के लिए उनके मन में प्रेम जागृत हो गया था।
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सिर्फ 9 साल की उम्र में ही जया ने संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम् आदि कई स्तोत्रों को गाना शुरू कर दिया था।10 साल की छोटी उम्र में जया ने सुन्दरकाण्ड गाकर लाखों भक्तों के मन में अपनी जगह बना ली थी। उन्होंने धर्म के साथ-साथ पढ़ाई पर भी ध्यान दिया और इसलिए अपनी शिक्षा को अभी तक जारी भी रखा हुआ है। जया ने कोलकाता के स्कूल महादेवी बिड़ला वल्र्ड ऐकेडमी से १२वीं तक की पढ़ाई की है। अब वे भवानीपुर गुजराती सोसाइटी कॉलेज की स्टूडेंट हैं।
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पं. श्री गोविंदरामजी मिश्र गुरु हैं जया किशोरी के
जया के प्रारम्भिक गुरु पं. श्री गोविन्दरामजी मिश्र ने श्रीकृष्ण के प्रति इनके प्रेम को देखते हुए इन्हें ‘किशोरीजी’ की उपाधि आशीर्वाद के रूप में दी। लेकिन ज्यादा दिनों तक हमको उनका सानिध्य प्राप्त नहीं हो सका।
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भक्तो ने दिया जया किशारी नाम
जया किशोरी के भजनों का बाकायदा एक एप भी है। जिसका नाम जया किशोरी रेडियो है। इसके जरिए सीधे उनके फैन पेज और वेबसाइट तक पहुंचा जा सकता है। वैसे उनके घर का नाम जया शर्मा था। गुरुजी बचपन में राधा कहते थे। भक्तों ने किशोरी नाम दे दिया। वे जब से कार्यक्रम करने लगीं तो सभी साध्वी जया किशोरी कहने लगे।
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नारायण सेवा में दान करती हैं
जया की कथाओं से आने वाली दान की राशि को नारायण सेवा ट्रस्ट, उदयपुर राजस्थान को दान करते हैं। इस दान से विकलांगों की मदद की जाती है।

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