पूछताछ में खुलासा हुआ। पड़ोसियों ने इसकी शिकायत थाने पर की और कोतवाली पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में एक वर्ष से अधिक चले प्रकरण में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरोपित बाबा को 10 साल की सजा व 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। आरोपित बाबा का नाबालिग के घर में अक्सर आना-जाना था, क्योंकि उसकी पहचान उसके पिता से थी। उसने 28 अक्टूबर 2016 को नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था।
इसके बाद लगातार नाबालिग को घर में अकेला देखकर मौके का फायदा उठाने लगा था। बच्ची को पेट में दर्द हुआ तो बच्ची को अस्पताल में दिखाया जहां पर पता चला की यह तो प्रेग्नेंट हैं और 20 सप्ताह का गर्भ हो गया है। बच्ची की उम्र कम होने पर वह प्रसव के लायक नहीं है, किंतु गर्भपात भी नहीं हो सकता था। इसलिए न्यायालय के आदेश पर बच्ची को वन स्टॉप सेंटर में 9 जनवरी 2017 से रखा गया था। एक गर्भवती महिला की तरह उसको पौष्टिक आहार दिया गया।
साथ ही समय-समय पर डॉक्टरों से चेकअप कराकर सोनोग्राफी भी करवाई गई। बच्ची की उम्र कम होने से जब प्रसव का समय आया तो उसे काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा था। पीडि़ता ने जिला अस्पताल में 19 अप्रैल 2017 को बच्ची को नॉर्मल प्रसव में जन्म दिया। बच्ची के जन्म देने के बाद से ही पीडि़ता का स्वास्थ खराब हो गया, जिसे उपचार के लिए एमवायएच इंदौर में भर्ती करवाया गया था। उसका बच्चा कमजोर होने से कई दिनों तक नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया था।
आरोपित ने आवेदन दिया था, बच्चा मेरा नहीं
न्यायालय में चले प्रकरण के दौरान आरोपित ने कोर्ट में आवेदन दिया था कि नाबालिग ने जिस बच्चे को जन्म दिया है, वह बच्चा उसका नहीं है। आरोपित ने साथ में ही डॉक्टरों के द्वारा ब्लड सैंपल से लिए डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट पर प्रस्तुत की थी। उपसंचालक अभियोजक अजयसिंह भंवर ने बताया, आरोपित की टेस्ट रिपोर्ट में पाया गया था कि दुष्कर्म के बाद बच्चे ने जन्म लिया वह इसका नहीं है। इस पर कोर्ट में पीडि़ता के बयान की बार-बार आरोपित बाबा ने उसके साथ दुष्कर्म किया व पास्को एक्ट की धारा में केस दर्ज होने पर आरोपित को दोषी पाते हुए सोमवार को 10 साल की सजा व 5 हजार रुपए के आर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर 3 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
न्यायालय में चले प्रकरण के दौरान आरोपित ने कोर्ट में आवेदन दिया था कि नाबालिग ने जिस बच्चे को जन्म दिया है, वह बच्चा उसका नहीं है। आरोपित ने साथ में ही डॉक्टरों के द्वारा ब्लड सैंपल से लिए डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट पर प्रस्तुत की थी। उपसंचालक अभियोजक अजयसिंह भंवर ने बताया, आरोपित की टेस्ट रिपोर्ट में पाया गया था कि दुष्कर्म के बाद बच्चे ने जन्म लिया वह इसका नहीं है। इस पर कोर्ट में पीडि़ता के बयान की बार-बार आरोपित बाबा ने उसके साथ दुष्कर्म किया व पास्को एक्ट की धारा में केस दर्ज होने पर आरोपित को दोषी पाते हुए सोमवार को 10 साल की सजा व 5 हजार रुपए के आर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर 3 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।