निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह ने आशंका जताई कि वेतन संबंधित प्रक्रिया का सही पालन नही किया जा रहा है। इससे कई प्रकार की विसंगतियां उत्पन्न हो रही हैं। सिंह ने निर्देश दिए कि सभी विभाग प्रमुख जोनल अधिकारी अब एचआर मॉड्यूल का ही पालन करेंगे। उसके बाद ही कर्मचारियों का वेतन भुगतान होगा। ऐसे कर्मचारी चिन्हित हों, जिनका वेतन रोका हो, सेवानिवृत्त हो गए हों, जीवित न हों। यदि इनके नाम से वेतन लिया जा रहा हो तो उस पर तत्काल रोक लगाएं।
जानकारी है कि निगम के बड़े अफसरों ने बड़ी गडबड़ी पकड़ी थी। नेताओं के संरक्षण से निगम में नौकरी पाकर कई ऐसे मस्टरकर्मी थे, जो निगम में ड्यूटी नहीं करते थे, लेकिन वेतन हर माह खातों में पहुंच रहा था। ऐसे वीआइपी मस्टरकर्मियों पर कार्रवाई के लिए निगम आयुक्त ने एचआर मॉड्यूल से वेतन करने को कहा है। सभी विभाग प्रमुखों और जोनल अधिकारी भौतिक सत्यापन के बाद ही वेतन की अनुशंसा कर सकेंगे।