7500.80 करोड़ का था प्रोजेक्ट
गौरतलब है कि नवंबर 2018 को भारत सरकार ने जब इंदौर में मेट्रो का 31.55 किमी प्रोजेक्ट मंजूर किया था, तब 7500.80 करोड़ रुपए इसकी लागत थी। इसमें एयरपोर्ट से गांधी नगर, सुपर कॉरिडोर, विजय नगर, रिंग रोड, बंगाली चौराहा, पलासिया और एमजी रोड टीआइ मॉल के सामने तक एलिवेटेड ट्रैक था। अब बंगाली चौराहा से एयरपोर्ट तक अंडर ग्राउंड हो जाएगा, जिससे लागत 1600 करोड़ रुपए बढ़ रही है।अब बाधाएं नहीं
बंगाली चौराहा से टीआइ मॉल के बीच अंडर ग्राउंड ट्रैक होने से कई समस्याएं खत्म हो जाएंगीं। कनाडिय़ा रोड से लेकर पलासिया चौराहा के बीच कई मकान और धर्मस्थलों पर तोडफ़ोड़ होनी थी, जो नहीं होगी। इसके अलावा एमजी रोड छोटा होने का डर था, जो खत्म हो जाएगा। कई पेड़ों को भी काटना पड़ता।ये हुआ था बवाल
इंदौर में मेट्रो ट्रेन के ट्रैक को लेकर कई बार विरोध हुआ, जिसमें आठ बार की सांसद रहीं सुमित्रा महाजन ने बंगाली चौराहा से एयरपोर्ट के बीच बनाए जाने वाले ट्रैक को लेकर आपत्ति भी दर्ज कराई। लगातार बवाल के बाद 17 जून 2023 को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेट्रो कंपनी के अफसर, जनप्रतिनिधि और प्रबुद्धजनों की बैठक बुलाई थी, जिसमें एमजी रोड पर टीआइ मॉल के पास से मेट्रो के अंडर ग्राउंड ट्रैक को शहर के ट्रैफिक के लिए घातक बताया। एमजी रोड के बर्बाद होने की बात सामने आई, जिसके बाद नए विकल्प पर विचार करने की बात हुई।तीन विकल्प आए थे सामने
-बंगाली चौराहा से ही एयरपोर्ट तक अंडर ग्राउंड ट्रैक बनाया जाए।-बंगाली चौराहा से कृषि महाविद्यालय तक एलिवेटेड ले जाएं और वहां से रीगल तिराहा तक अंडर ग्राउंड ट्रैक बनाया जाए।
-एमजी रोड के बदले रेस कोर्स रोड से ले रूट तय किया जाए।