गीताभवन चौराहे के पास तुलसी टावर के सामने शुक्रवार शाम 6.30 बजे रमेश प्रजापति (72) निवासी प्रजापत नगर ने खुद को घासलेट डालकर आग लगी ली थी। घटना के बाद लोगो ने बोरी व रेत की मदद से आग को बुझाया। घटना में शत प्रतिशत वे जल चुके है। अभी भी उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। शनिवार को बेटे दीपक प्रजापत व कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारियों ने आईजी विवेक शर्मा से मिलकर मामले की जांच की मांग की। बेटे दीपक ने बताया कि शुक्रवार शाम 5 बजे पिता खाना खाकर घर से निकले। तब वे पूरी तरह सामान्य थे। इसके पहले भी उनका व्यवहार पूरी तरह सामान्य था। उन्हें ना कोई परेशानी है ना किसी बात का तनाव।
कम्युनिस्ट पार्टी से पिता 50 सालो से जुड़े है। अब तक पार्टी के लिए कई मु²ों पर विरोध प्रर्दशन में शामिल हो चुके है। उनके लिए सीएए का मु²ा इतना महत्वपूर्ण नहीं है कि वे आत्मदाह कर अपनी जान लेने की कोशिश करे। परिवार को शंका है कि किसी ने उन्हें बरगलाया है या कोई दबाव उन पर बनाया गया। जिसके चलते यह कदम उन्होंने उठाया। वे चाहते है कि पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच कर हकीकत को सामने लाए। पता चल सके कि आखिर वह क्या वजह थी जिस कारण उन्होंने खुद को आग लगाई। पिता ने पांचवी तक पढ़ाई की है। वे ज्यादा नहीं लिख पाते है। हिंदी में हस्ताक्षर करते है जो देखकर कोई भी कर सके। उनके पास से सीएए के विरोध के जो पर्चे मिले उस पर मौजूद साइन की भी जांच होना चाहिए।
टीआई निर्मल श्रीवास ने बताया कि रमेश की हालत अभी गंभीर है। घटना स्थल पर सीसीटीवी में घटना कैद नहीं हुई। एक जगह कैमरे में रमेश जाते हुए नजर आए। कई लोगो ने घटना के वीडियो बनाए है। पास की बिल्ंिडग के सिक्योरिटी गार्ड के बयान लिए गए। उसने बताया कि आग लगने के बाद वे इधर-उधर भाग रहे थे। बेटे दीपक ने भी बयान में सीएए के विरोध के लिए आत्मदाह से इनकार किया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।