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इंदौर निगम परिषद का आखिरी बजट, जनता पर नहीं डाला कोई आर्थिक बोझ

न संपत्तिकर रेट जोन बढ़ाया और न ही कोई नया शुल्क लगाया

इंदौरJun 12, 2019 / 01:28 pm

हुसैन अली

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इंदौर निगम परिषद का आखिरी बजट, जनता पर नहीं डाला कोई आर्थिक बोझ

इंदौर. वित्तीय वर्ष 2019-20 का नगर निगम बजट बुधवार सुबह ११ बजे महापौर मालिनी गौड़ ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में पेश किया, जो कि निगम में परिषद् और महापौर गौड़ के कार्यकाल का आखिरी और पांचवां बजट है। इसमें जनता पर कोई आर्थिक बोझ नहीं डाला गया है, क्योंकि न तो संपत्तिकर रेट जोन बढ़ाया गया और न ही कोई नया शुल्क लगाया है। जलकर में भी कोई वृद्धि नहीं की गई है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुल्क के रेट जोन को यथावत रखा गया है, लेकिन कचरा कलेक्शन का चेक से पैसा देने पर बाउंस होने की स्थिति में अब 200 रुपए चार्ज लगेगा।
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नगर निगम चुनाव को ध्यान में रखते हुए महापौर गौड़ ने निगम का बजट पेश किया है, क्योंकि अगले बजट तक निगम में परिषद् के साथ महापौर बदल जाएगा। बजट पेश करने के दौरान महापौर गौड़ ने शेरो-शायरी करते हुए अपने कार्यकाल के दौरान शहर और 85 वार्ड में किए गए विकास कार्यों के साथ-साथ निगम में व्यवस्थाओं को लेकर किए बदवाव का बखान किया। इसके साथ ही सडक़, पानी, ड्रेनेज, स्ट्रीट लाइट, स्वच्छता, पुल-पुलियाओं, ऐतिहासिक धरोहर जीर्णोद्धार, बस स्टैंड, मास्टर प्लान की सडक़ें और कान्ह-सरस्वती नदी शुद्धीकरण के साथ अपने कार्यकाल में हुए अन्य कामों का ब्योरा रखा।
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हर चुनौती का किया सामना

कठिनाइयों का अंधकार कितना भी गहनतम् क्यों न हो, आवश्यकता है एक पुरुषार्थ का दीप जलाने की…महापौर गौड़ ने यह शेर पढ़ते हुए कहा कि 19 फरवरी, 2015 को मेरी परिषद् ने स्वच्छ इंदौर, स्वस्थ इंदौर, स्मार्ट इंदौर और सुंदर इंदौर के लक्ष्य को लेकर कार्यकाल प्रारंभ किया था। आज अपके समक्ष अपनी परिषद का पांचवां और अंतिम बजट पेश कर रही हूं। मेरी परिषद का जब गठन हुआ तब चुनौतियां हिमालयीन थी। साथ ही चुनौती थी इंदौर को नगरीय सुविधाओं में देश के अग्रणी शहरों में खड़ा करने की। अपने लक्ष्य को पूरा करने के साथ चुनौतियों का सामना कर निगम के इतिहास को स्वर्णिम बनाया।
अब स्वच्छता में लगाना है चौका

मेरी परिषद का गठन हुआ था, तब इंदौर स्वच्छता में देश में १४९वें स्थान पर था। स्वच्छ भारत मिशन को लक्ष्य बनाकर काम किया और वर्ष 2016 में 25 वें स्थान पर आए और तेजी से काम किया और 2017, 2018 और 2019 में लगातार देश में तीन बार नंबर वन आए। अब वर्ष 2020 में स्वच्छता का चौका लगाना है । इंदौर को यूनाइटेड नेशन की थ्री आर कॉन्फ्रेंस करने का अवसर भी वर्ष 2018 में प्राप्त हुआ। शहर में स्वच्छता को लेकर जहां बेहतरीन काम हुआ है, वहीं निगम अफसर, सफाई मित्र और जनता ने भी सहयोग उल्लेखनीय रहा। शहर को कचरा पेटी मुक्त बनाया।

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