यह भी पढ़ेंः राहुल द्रविड़ ही बना सके हैं दुनियाभर में सिर्फ ये रिकॉर्ड, सचिन भी रह गए पीछे
48 वर्षीय राहुल द्रविड़ इससे पहले सीनियर टीम को भी सेवाएं दे चुके हैं। वे वर्तमान में नेशनल क्रिकेट अकेडमी (NCA) के डायरेक्टर भी हैं। 2014 में राहुल को इंग्लैंड दौरे पर भी इंडियन क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी का सलाहकार बनाया गया था। national cricket academy के डायरेक्टर बनने के बाद से राहुल ने इंडिया-A और अंडर 19 टीम के साथ दौरा करना बंद कर दिया था।
इन नामों से रहते हैं चर्चित
राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया में कई नामों से पुकारा जाता है। क्रिकेट की दुनिया में दीवार माने जाने वाले राहुल को मिस्टर कूल (mr cool), मिस्टर जेंटलमेन, सबसे सज्जन (mr gentleman), रन मशीन (run machine), सबसे भरोसेमंद (reliable) भी कहा जाता है। वहीं नई भारतीय टीम का द्रोणाचार्य भी उन्हें कहा जाता है।
राहुल को कई नामों से जानते हैं लोग
राहुल द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी 1973 को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर (indore city) में हुआ था। वे एक साधारण परिवार से हैं। राहुल द्रविड़ का बचपन का कुछ समय इंदौर में बीता। वे बचपन से ही क्रिकेट खेलने के शौकीन थे। कुछ समय बाद ही उनका परिवार इंदौर से बंगलुरू शिफ्ट हो गया। इनके पिता एक जैम बनाने वाली प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे और राहुल की माता बंगलुरू के विश्वेश्वराय कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर थीं।
भाई इंदौर में ही हैं
राहुल द्रविड़ के भाई अभी भी इंदौर शहर में ही रहते हैं। इसीलिए वे कई बार इंदौर अपने भाई के परिवार से मिलने चले आते हैं। इंदौर में उनके काफी प्रशंसक है। जब भी खबर मिलती है कि वे आ रहे हैं तो एयरपोर्ट पर उनकी एक झलक पाने के लिए दौड़ पड़ते हैं।
गैराज में खेला क्रिकेट
राहुल के बारे में बताया जाता है कि उन्हें क्रिकेट का इतना शौक था कि वे अपने दोस्तों के घर जाते थे तो उनके घर के गैराज में भी खेलने लगते थे, या फिर कॉलोनी के खाली पड़े प्लाट पर भी दोस्तों के साथ खेलने जुट जाते थे।
मिस्टर कूल को आया था गुस्सा
क्रिकेट की दुनिया में मिस्टर कूल कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ को भी गुस्सा आ सकता है। एक बार जब उनका गुस्सा देखा तो सभी क्रिकेट साथी हैरान रह गए थे। एक दिवसीय मैच के बाद ऐसा ही कुछ हुआ। जब टीम इंडिया साल 2006 में मुंबई में खेले गए एक मैच में इंग्लैंड से हार गई थी। पूरी टीम का दारोमदार उन्हीं पर था। साथी खिलाड़ी हो या क्रिकेट प्रेमी आंख बंद करके राहुल पर भरोसा करते थे। राहुल यह हार बर्दाश्त नहीं कर पाए और ड्रेसिंग रूम में कुर्सी उठाकर जोर-जोर से पटकने लगे। गौरतलब है कि उस हार की वजह यह भी थी कि भारत के हाथ से सीरीज जीतने का मौका हाथ से निकल गया था।