बता दें कि बीते कई सालों से पुलिस विभाग में कैलाश के नाम से नौकरी कर रहा शख्स कैलाश नहीं, बल्कि उसका हमशक्ल भाई हीरालाल निकला। हीरालाल की मृत्यु के क्रियाकर्म में इसकी पोल खुली। मृत्यु शोक उठावना के कार्यक्रम के तस्वीर मृत हीरालाल की और नाम जीवित कैलाश का था।
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इस तरह रचा षड्यंत्र
सामान्य दशा में हुई मौत में हीरालाल को पुलिस की वर्दी पहना, कैलाश बताकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर पुलिस विभाग से अनुकम्पा नियुक्ति पाने का षड्यंत्र रचा था। पीड़ित कैलाश के द्वारा अपने वकील के माध्यम से की गई डिमांड ऑफ जस्टिस की शिकायत याचिका पर पुलिस कमिश्नर इन्दौर ने क्राइम ब्रांच को जांच के आदेश दिए है। जानकारी पीड़ित कैलाश के वकीलगण कृष्ण कुमार कुन्हारे, डॉ रूपाली राठौर और ईश्वर कुमार प्रजापति ने दी।