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स्वास्थ केन्द्रों और स्वास्थ कार्यकर्ताओं को इंदौर बुलाना पड़ रहा महंगा
वहीं, गंभीर मरीजों को शहर ले जाने के लिये एंबुलेंस की व्यवस्था भी रहेगी। शहर में कोरोना की स्थितियों को संभालने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ केन्द्रों और स्वास्थ कार्यकर्ताओं को इंदौर बुलाना प्रशासन को महंगा पड़ता नजर आ रहा है। गांवों के श्मशानों से उठ रही कोरोना चिताओं की लपटों ने ग्रामीणों की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं।
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कोरोना के साथ टाइफाइड भी पसार रहा पांव
बड़ी समस्या ये है कि, गावों में कोरोना के साथ साथ टाइफाइड भी तेजी से फैल रहा है। लेकिन, ग्रामीणों को दोनों का ही इलाज नहीं मिल पा रहा। जिले के पालिया, अजनोद, बनेडिया व अन्य स्थानों पर पिछले एक-दो दिनों के भीतर ही 12 से अधिक मौतों से स्थानीय लोग दहशत में हैं और इलाज की गुहार लगा रहे हैं।
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यहां 1500 से अधिक कोरोना के एक्टिव मरीज
देपालपुर, सांवेर, महू ब्लॉक में देखें तो, यहां 1500 से अधिक कोरोना के एक्टिव मरीज हैं। टीही रेलवे स्टेशन पर तैयार किये गए 4 कोविड केयर कोच शुक्रवार को ही रेलवे की ओर से प्रशासन को सौंपे जा चुके हैं।