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जल्द ही यहां रहेगी गीता
गीता की इच्छा के अनुसार, उन्हें शहर के ही विजय नगर इलाके में स्थित सांकेतिक भाषा के जानकार पुरोहित दम्पत्ति ( ज्ञानेंद्र और मोनिका) के घर पर रहेगी। हालांकि, गीता को अपने साथ अपने घर में रखने के संबंध में जानकर पुरोहित दम्पत्ति भी काफी खुश हैं। उन्होंने गीता को अपने साथ अपने ही घर में रखने की सहमति दे दी है।
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पुरोहित दंपत्ति के साथ रहने की जताई इच्छा
सामाजिक न्याय विभाग को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है। साथ ही, अधिकारियों के बीच गीता का सारा सामान और नगदी उसे सौंपा जा चुका है। गीता अब ज्ञानेंद्र पुरोहित के घर पर उनकी माता जी के साथ रहेंगी। ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित दोनों ही सांकेतिक भाषा को समझते हैं। ऐसे में गीता द्वारा की जाने वाले सांक्तिक वार्तालाप को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। इसके अलावा, गीता को पकिस्तान से भारत लाने में पुरोहित दम्पत्ति का अहम किरदार रहा था। अब तक पुरोहित दंपत्ति ही लगातार गीता की मदद करता आ रहा है।
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एक बार संस्था से भाग भी चुकी हैं गीता
रणजीत हनुमार मंदिर के करीब स्थित जिस संस्था में अब तक गीता अब तक रह रही थी। जानकारी के अनुसार, बीते दिनों गीता ने वहां से भागने का भी प्रयास किया था। लेकिन, समय रहते उसे ढूंढकर वापस संस्था लाया गया। इसके बाद उससे संस्था से भागने का कारण पूछना चाहा, तो उसने संस्था से दूर कही और रहने की इच्छा जताई, जिसके आधार पर सामाजिक न्याय विभाग के आदेश पर उनके लिए नए घर को तलाशा गया।
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अब पारिवारिक माहौल में रहेगी गीता
सांकेतिक भाषा एक्सपर्ट मोनिका पुरोहित के मुताबिक़, उनके यहां होस्टल है, जिसमें मूक बधिर बच्चे रहते हैं। हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल होस्टल बंद कर दिया गया है। इसीलिए गीता को पुरोहित दंपत्ति की माता जी के साथ रखा गया है। उसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। वो फ़िलहाल संतुष्टि जाहिर कर रही है। उसके माता-पिता की खोज जब तक गीता चाहेंगी जारी रहेगी। फिलहाल, उसकी मनोदशा को परखा जा रहा है। उसे पूरी तरह से पारिवारिक माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे उसकी चिंता में कमी आए।