इंदौर. जमीन के लिए संघर्ष कर रहे ओलंपिक चैम्पियन दिवंगत शंकर लक्ष्मण के बेटे मनोहर का कहना है कि जल्द ही जमीन नहीं मिली तो वे ओलंपिक मेडल और पद्मश्री अवार्ड नीलाम कर देंगे। जल्द ही भोपाल जाकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे। तीन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने से मिले दो गोल्ड व एक सिल्वर मेडल महू निवासी हॉकी खिलाड़ी शंकर लक्ष्मण के परिवार की धरोहर है।
मनोहर का कहना है कि देश के लिए ओलंपिक मेडल पाना बड़ी उपलब्धि है। पदक जीतने वालों पर इनाम की बारिश होती है, ऐसे में ओलंपिक पदक विजेता के परिवार को क्यों भुलाया जा रहा है। सेना और राज्य शासन ने शंकर लक्ष्मण की उपलब्धियों को देखते हुए जमीन देने की घोषणा की थी। 1982 में जमीन वापस करने पर 2 लाख रुपए देते हुए वादा किया था कि जमीन भी देंगे।
2005 में सेना के डिप्टी कमाडेंट ने इसी आधार पर कलेक्टर को पत्र लिखा और फिर बात आगे बढ़ी। मनोहर के मुताबिक, वर्तमान तहसीलदार तापिश पांडे ने ही टीही में सर्वे नं. 74/1 व 74/2 आवंटित करने की अनशुंसा की थी। इसके बाद अपर कलेक्टर ने अपने पत्र में साफ लिखा है, टीही की जमीन नहीं दी जा सकती, लेकिन शांतिबाई पति शंकर लक्ष्मण की मंशानुसार 10 एकड़ भूमि उपलब्धता के संबंध में कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। पटवारी को दूसरी जमीन देखने के लिए कहा था, लेकिन अब तक फैसला नहीं हुआ।
मनोहर का कहना है, प्रशासन हमें जल्द जमीन आवंटित नहीं करेगा तो वे पिता के जीते तमाम मेडल, अर्जुन अवार्ड व पद्मश्री नीलाम करने को मजबूर होंगे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मिलकर वे नीलामी की बात करेंगे।
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