मिली जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम मोहन पाल है। वह एक हाथ से दिव्यांग है। कल वह जनसुनवाई में गया था। उसने बताया था कि शादी के लिए उससे लुटेरी दुल्हन गैंग ने पैसा ले लिया मगर न तो शादी करवाई और न ही पैसा लौटा रहे। बड़े अधिकारियों ने उसे थाने भेज दिया था। वह थाने पहुंचा पर वहां सुनवाई नहीं हुई और अपमानित कर भगा दिया गया। इस पर उसने घर जाकर फांसी लगा ली। फांसी से पहले उसने वाट््स एप पर अपने परिचितों को पुलिस की प्रताडऩा की शिकायत की थी। आज सुबह थाने पर हंगामा हुआ तो पुलिस अधिकारी थाने पहुंचे। थाने के फुटेज देखे तो मोहन पाल थाने में आते और जाते दिखाई दिया। तब ड्यूटी पर सब इंस्पेक्टर आमोद उईके मौजूद थे। प्रथम ²ष्टया उनकी लापरवाही मानते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। द्वारकापुरी पुलिस के गलत व्यवहार के कारण आज मैं मोहन पाल सुसाइड करने जा रहा हूं। मुझे एसपी ऑफिस से द्वारकापुरी थाने पहुंचाया गया था। कलेक्टर से एसपी ऑफिस पहुंचाया गया था और एसपी ऑफिस से द्वारकापुरी थाने पहुंचाया गया था। द्वारकापुरी थाने में मुझसे गाली.गलौज से बात की गई और मुझसे गलत व्यवहार से बात भी की गई थी कि तू वहां क्या करने गया था। इसलिए आज मैं द्वारकापुरी पुलिसवाले के कारण सुसाइड करने जा रहा हूं।